उज्जैन। जिलेवासियों के लिए खुशखबर है। जिले में एंटी कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए टीमें तैयार हो रही है। इनका प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है, जोकि 9 जनवरी तक चलेगा। इस प्रशिक्षण के बाद जैसे ही वैक्सीन आएंगे, लगाने का काम प्रारंभ हो जाएगा। भारत सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि यदि किसी को वैक्सीन लगाने के बाद आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता रहेगी तो एक कीट पहले से ही तैयार रहेगी। साथ ही एंबुलेंस तथा प्रत्येक तहसील में एक-एक आपातकालीन चिकित्सा केंद्र रहेगा। वहां पर संबंधित को उपचार दिया जाएगा।
जिले में एंटी कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए बनाए गए टीकाकरण अधिकारी डॉ.दिलीप परमार के अनुसार शुरूआती प्रशिक्षण नर्स, एएनएम और एमपीडब्ल्यू को दिया जा रहा है। उन्हे बताया जा रहा है कि किस प्रकार से वैक्सीन को कोल्ड बॉक्स में वैक्सीनेशन केंद्र पर ले जाया जाएगा। वहां किसप्रकार से पूरी टीम काम करेगी। आगमन से लेकर प्रस्थान तक और फालोअप तक के लिए 10 लोगों की टीम को तैयार किया गया है। 10-10 लोगों की ऐसी टीम जिलेभर में बनाए जाने वाले वैक्सीनेशन केंद्रों पर तैनात होगी।
इस टीम में सबसे पहले पंजीयन की जांच करनेवाला रहेगा। पंजीयन की जांच के बाद लोगों को वेटिंग रूम में बैठानेवाला होगा। तीसरे के पास जिम्मेदारी होगी कि वह नाम बोलने पर संबंधित को वैक्सीन लगवाने भेजे। इनका एक साथी वैक्सीन का कोल्ड बॉक्स लेकर बैठा रहेगा और वैक्सीन देने के साथ एंट्री करेगा। कम्प्यूटर पर बैठा साथी वैक्सीन का बैच नम्बर से लेकर संबंधित व्यक्ति की जानकारी को पोर्टल पर फीड करेगा। इसके बाद वैक्सीन लगानेवाला प्रशिक्षिण व्यक्ति वैक्सीन लगाएगा। जिसे वैक्सीन लग जाएगा,उसे एक कक्ष में आधा घण्टा चिकित्सक की निगरानी में रखा जाएगा। सबकुछ ठीक होने पर उसे घर भेज दिया जाएगा। उसकी तबियत बिगडऩे पर जीवन रक्षक औषधि के जो किट दिए जाएंगे, उसका उपयोग चिकित्सक तत्काल करेंगे। इसके बाद भी यदि तबियत नहीं सुधरती है तो फिर संबंधित व्यक्ति को तहसील स्तर पर बनाए गए नजदीकी चिकित्सा केंद्र पर पहुंचाया जाएगा। वहां उसका उपचार होगा। एक-एक एम्बुलेंस प्रत्येक वैक्सीनेशन केंद्र पर तैनात रहेगी। इसका स्टॉफ अलग से होगा। वैक्सीनेशन के बाद आपातकालीन उपचार के लिए बनाए जानेवाले चिकित्सा केंद्रों को एईएसआई कहा जाएगा। आम चिकित्सा केंद्रों से यह अलग होगा।
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