नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus vaccine) भारत में उपलब्ध होने पर उसके डिस्ट्रीब्यूशन की तैयारियां जोरों पर हैं। सरकार की ओर से बनाए गए एक्सपर्ट ग्रुप ने एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इसमें कोरोना टीका कैसे, कब और किसे लगेगा, इसका पूरा प्लान मौजूद है। सरकार स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और पंचायत की इमारतों को भी टीकाकरण केंद्र की तरह इस्तेमाल करने की तैयारी में है। कोविड-19 के लिए खास टीकाकरण अभियान चलेगा जो बहुत हद तक पहले से चल रहे सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunisation Programme) के जैसा होगा। केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन के लिए eVIN प्लेटफॉर्म का भी यूज करेगी। इसके लिए उसमें और सुधार किया जा रहा है। आइए जानते हैं कोरोना वैक्सीन आप तक पहुंचाने के लिए सरकार क्या तैयारी कर रही है।
केंद्र खरीदेगा वैक्सीन, फिर राज्यों को देगा
अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सीधे वैक्सीन खरीदेगा। राज्यों और जिलों में मौजूद नेटवर्क की मदद से पहले प्राथमिकता समूहों को टीका लगेगा। सरकार प्रॉयरिटी के आधार पर टीका मुफ्त में देने की योजना बना रही है। प्राथमिकता सूची में चार कैटेगरी हैं। पहले हेल्थ वर्कर्स, फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स, उसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और आखिर में अन्य बीमारियों से ग्रस्त लोगों को टीका लगेगा।
राज्य सरकारें उन इमारतों की पहचान करेंगी जिन्हें वैक्सीनेशन बूथ की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें सिर्फ हेल्थकेयर फैसिलिटीज ही शामिल नहीं होंगी। स्कूलों, पंचायती इमारतों और आंगनबाड़ी केंद्र की बिल्डिंग का इस्तेमाल की कोविड टीकाकरण के लिए हो सकता है।
eVIN से कैसे बेहतर होगी व्यवस्था?
स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क यानी eVIN जैसा डिजिटल प्लेटफॉर्म पहले से मौजूद है। eVIN से सभी कोल्ड चेन पॉइंट्स में वैक्सीन के स्टॉक और स्टोरेज टेम्प्रेचर की रियल-टाइम जानकारी मिलती है। यह UIP के लिए इस्तेमाल हो रहा है और कोविड वैक्सीन के लिए इसे और बेहतर बनाया जा रहा है। नए अपडेट में लोगों को एक SMS भेजा जाएगा जिसमें तारीख, वक्त और जगह बताई जाएगी जहां पर कोविड का टीका लगेगा। इसके अलावा eVIN से डिजिटली कनेक्ट होने के अलावा वैक्सीन पाने वाले को ट्रैक भी किया जा सकता है।
वैक्सीन लग चुकी या नहीं, आधार बता देगा
टीकाकरण की लिस्ट में शामिल कर व्यक्ति को उसके आधार से लिंक किया जाएगा ताकि डुप्लीकेसी की संभावना न रहे। इससे यह भी ट्रैक किया जा सकेगा कि किसको टीका लग चुका है और किसे नहीं। अगर किसी के पास आधार नहीं तो किसी और सरकारी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है।
शुरू में 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन देने की तैयारी
भारत के पास सभी जिलों में करीब 28,000 वैक्सीन स्टोरेज सेंटर्स हैं जो eVIN से जुड़े हुए हैं। लॉजिस्टिक्स मैनेज करने में कम से कम 40,000 फ्रंटलाइन वर्कर्स लगे हैं। स्टोरेज का तापमान चेक करने के लिए कम से कम 50 हजार टेम्प्रेसर लॉगर्स हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के अनुसार, जुलाई 2021 तक प्राथमिकता के आधार पर 25-30 करोड़ भारतीयों को टीका लग सकता है।
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