उज्जैन। कोरोना रोधी टीका लगाने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत उज्जैन जिले में भी तैयारी कर ली गई है। पांच-पांच लोगों की टीम हर टीका केंद्र पर लगेगी। इसमें एक डॉक्टर रहेगा वहीं चार हैल्थ वर्कर/पेरा मेडिकल स्टॉफ की टीम के सदस्य रहेंगे। इन पांचों का काम वैक्सीनेशन से लेकर जिसे वैक्सीन लगा दिया गया है, उसकी आधे घण्टे तक निगरानी करना भी होगा। आकस्मिक स्थिति में वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति को बाहर खड़ी एम्बुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाया जाएगा। सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.परमार के अनुसार एसओपी में स्पष्ट रूप से निर्देश हैं कि टीकाकरण का काम प्रात: 9 से सायं 6 बजे तक सतत चलाया जाएगा। इसके लिए प्रशिक्षित स्टॉफ की ड्यूटी लगेगी, जिसमें एक डॉक्टर शामिल रहेगा। डॉक्टर का काम होगा वैक्सीन देना। प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर टीम का पहला सदस्य प्रवेश द्वार पर ही खड़ा रहेगा और हितग्राही के दस्तावेजों की जांच करेगा, जिसमें आधार कार्ड एवं अन्य बीमारी होने पर उसके कागजात रहेंगे। इसे वैक्सीनेटर ऑफिसर कहा जाएगा। दस्तावेजों की पुष्टी के बाद ही वह हितग्राही को अंदर जाने देगा। इसके बाद दूसरा वैक्सीनेटर ऑफिसर उपलब्ध दस्तावेजों से हितग्राही के दस्तावेजों की जांच करके एंट्री आदि करेगा। तीसरा वैक्सीनेटर ऑफिसर स्वयं डॉक्टर होगा,जोकि वैक्सीन देगा। चौथा एवं पॉचवा वैक्सीनेटर वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति के स्वास्थ्य की मानीटरिंग आधे घण्टे तक करेंगे। आधे घण्टे तक स्वस्थ रहने पर संबंधित को जाने देंगे। तबियत बिगडऩे पर बाहर खड़ी एम्बुलेंस से हॉस्पिटल भेज दिया जाएगा, जहां उसको उपचार दिया जाएगा।
टीकाकरण केंद्र पर टीका लगाने का समय प्रात: 9 से सायं 5 बजे तक रहेगा। प्रतिदिन के हितग्राहियों की संख्या तथा उनके आने का क्रम निर्धारित रहेगा,जिसकी सूचना हितग्राहियों को रहेगी। ताकि केंद्र पर भीड़ नियंत्रण किया जा सके। इस प्रकार प्रतिदिन कम से कम 100 और अधिकतम 200 टीके लगाए जाएंगे।
कुछ आदेश अभी आना शेष…
वैक्सीनेशन को लेकर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना का टीका लगाने के बाद वायल एवं सिरिंज का किस प्रकार से निपटान किया जाना है। उसके लिए पृथक से किसप्रकार की व्यवस्था करना होगी, क्योंकि उक्त बायो मेडिकल कचरा विशेष तौर पर सतर्कता के साथ विशिष्ट स्थितियों में ही नष्ट किया जाएगा।