वॉशिंगटन। अमेरिका (America) में कोरोना वायरस से अबतक दो लाख 80 हजार लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन अब जल्द ही यहां वायरस को नियंत्रण में किए जाने की संभावना है. अमेरिका में टीकाकरण (Corona vaccination) की बड़ी योजना तैयार कर ली गई है. 15 दिसंबर से टीकाकरण शुरू हो सकता है. अगले साल फरवरी के अंत तक देश की 40 फीसदी आबादी यानी कि 10 करोड़ लोगों को टीका लगाने की तैयारी है.
फाइजर और मॉडर्ना ने एफडीए से इमरजेंसी में कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की इजाजत मांगी है. ये माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल सकती है. इसके बाद 15 दिसबंर के आस-पास वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू किया जा सकता है.
अमेरिका से पहले ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 टीके को मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन ये मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है. इस तरह, घातक कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए अगले सप्ताह से अति जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) ने बताया कि यह टीका उपयोग में लाने के लिए सुरक्षित है. दावा किया गया था कि यह टीका कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 95 फीसदी तक कारगर रहा है.
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है. कंपनी ने हाल में दावा किया था कि परीक्षण के दौरान उसका टीका सभी उम्र, नस्ल, अलग-अलग जगह के लोगों पर कारगर रहा.
टीका की दो खुराक दी जाएगी. पहली खुराक के 21 दिन बाद दूसरी खुराक दी जाएगी. दूसरी खुराक के सात दिनों बाद प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती मिलने लगेगी. ब्रिटेन को 2021 के अंत तक दवा की चार करोड़ खुराक मिलने की संभावना है. इतनी खुराक से देश की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण हो सकता है.
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