नई दिल्ली । केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों, स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान सचिवों, अपर मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विचार-विमर्श किया। महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और गोवा राज्यों ने समीक्षा बैठक में भाग लिया। इनमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री टी.एस. रावत जो कि स्वास्थ्य मंत्रालय का कार्यभार भी देखते हैं, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन्द्र सिंह, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर. ललथंगलियाना, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत प्रताप सिंह राणे, त्रिपुरा के मंत्री रतनलाल नाथ बैठक में वर्चुअल रूप से उपस्थित हुए।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों में कमी आई है, लेकिन अभी 2.6 प्रतिशत अधिक मृत्यु दर के साथ बड़ी संख्या में सक्रिय मामलों का बोझ है, जबकि मुंबई और इसके आसपास यह बढ़कर 3.5 प्रतिशत बनी हुई है। उत्तराखंड में मृत्यु दर 1.64 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उधर, मणिपुर में हाल ही में सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। राज्य में अधिक पॉजिटिविटी इस बात का संकेत है कि वहां छिपा हुआ फैलाव हो रहा है। गोवा में पिछले एक महीने में कुल मौतों में से 40 प्रतिशत मृत्यु हुई है, जो कि चिंता का बड़ा विषय है। मिजोरम के आइजोल में 70 प्रतिशत मामले हैं और यहां सक्रिय मामलों में और बढ़ोतरी हो रही है। त्रिपुरा और मेघालय में अधिक मृत्यु हो रही है। ये मृत्यु 45 से 60 वर्ष की आयु वर्ग में हो रही है, जिन्हें रोका जा सकता है।
डॉ. हर्ष वर्धन ने उन कोविड वॉरियर्स और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों की निष्ठा और अथक प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने संकल्प और मेहनत के साथ स्थिति को संभाला और कभी स्वयं थकान महसूस नहीं की। केन्द्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस समय मात्र 4.09 प्रतिशत रोगी ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, 2.73 प्रतिशत आईसीयू बिस्तरों पर हैं और मात्र 0.45 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने आगामी सर्दी और त्योहारों के मौसम में सचेत बने रहने की आवश्यकता बताई और कहा कि इस दौरान कोविड-19 से प्राप्त फायदों को नुकसान पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि कोविड अनुकूल व्यवहार एक बेहद सक्षम सोशल वैक्सीन है। डॉ. हर्ष वर्धन ने राज्यों को अधिक पॉजिटिविटी वाले जिलों में विशेष रूप से अधिक जांच, आरएटी जांच में निगेटिव पाए गए लक्षण वाले रोगियों की फिर अनिवार्य जांच कराने, अधिक जोखिम और कमजोर वर्ग वाले लोगों की एसएआरआई/आईएलआई सर्विलांस, पॉजिटिव मामलों के अधिक संपर्कों का पता लगाने, घर में पृथकवास में रखे रोगियों का फॉलोअप और मॉनिटरिंग पर फोकस देने की सलाह दी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को निम्नलिखित क्षेत्रों पर फोकस करने को कहा – फैलाव की श्रृंखला को रोकने और तोड़ने की आवश्यकता, एक प्रतिशत से कम मृत्यु दर बनाए रखना और निरंतर व्यवहार परिवर्तन। इन्हें सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने निम्नलिखित सुझाव दिए – तुरंत और आक्रामक जांच, बाजारों, कार्यस्थलों, धार्मिक समागमों में लक्षित जांच जिसके बाद तेजी से संपर्कों का पता लगाना, सभी करीबियों के संपर्कों का पहले 72 घंटे में पता लगाना, प्रत्येक पॉजिटिव व्यक्ति के लिए कम से कम 10 संपर्कों का पता लगाना, आरटी पीसीआर और आरएटी जांच का अनुपात बढ़ाना और आरएटी जांच में निगेटिव पाए लक्षण युक्त रोगियों का अनिवार्य आरटी पीसीआर जांच कराना।
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