सूरजपुर। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने सूरजपुर जैसे छोटे से जिले मे भी अपना असर दिखा दिया है। यहां रोजाना 500 से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। जिला प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी महामारी की रोकथाम नहीं हो पा रही है। प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 13 अप्रैल से ही कंटेनमेंट जोन बनाकर लॉकडाउन लगा दिया। यह आगामी 15 मई तक लागू रहेगा। लेकिन इस बीच जिले में होने वाले शादी समारोहों की वजह से भी संक्रमण फैल रहा है। लिहाजा जिले के डीएम ने नया आदेश जारी कर जिले में शादी समारोहों को दी गई अनुमति को निरस्त कर दिया है।
जिला कलेक्टर रणवीर शर्मा ने इस बाबत नया आदेश जारी कर कहा है कि 9 मई से जिन शादी समारोहों को प्रशासन की अनुमति दी गई है, उन्हें निरस्त किया जाता है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए चूंकि 15 मई तक लॉकडाउन है। संक्रमित मरीजों की संख्या में भी कमी नहीं आ रही है। जिले में रोजाना 500 से 600 इसलिए इन समारोहों का आयोजन नहीं किया जा सकता है। कलेक्टर ने सिर्फ उन्हीं शादी समारोहों को इजाजत देने का निर्णय लिया है, जिसमें वर-वधू और उनके माता-पिता सहित सिर्फ 7 लोग ही शामिल हो सकेंगे।
सूरजपुर में इस महीने शादियों के कई लग्न हैं। वहीं कोरोना संक्रमण का खतरा भी है। इसके मद्देनजर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के इस आदेश की तारीफ की है। हालांकि इनका यह भी कहना है कि चूंकि शादियां पहले से तय हैं और इनके लिए अनुमति भी ली जा चुकी है। ऐसे में प्रशासन के लिए शादी समारोहों को रोक पाना चुनौती से कम नहीं है। फिर भी लोगों को उम्मीद है कि कोरोना का खतरा देखते हुए आयोजक खुद ही सचेत होंगे और कलेक्टर के आदेश को मानेंगे।
इधर, सूरजपुर जिले में कोरोना के रोज 500 से 600 केस सामने आने के बाद प्रशासन लॉकडाउन के नियमों को सख्ती से लागू करने की कवायद में जुट गया है। जिले में चूंकि 15 मई तक लॉकडाउन है, इसलिए प्रशासन लोगों से अपील भी कर रहा है कि वे बिना वजह घर से न निकलें। कोरोना प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू कराने के लिए प्रशासन की पूरी टीम सड़कों पर उतर कर लोगों को जागरूक कर रही है। अपर कलेक्टर एसएन मोटवानी ने कहा कि प्रशासन लॉकडाउन को लेकर सख्ती बरत रहा है, ताकि जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम हो सके।
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