पटना। बिहार में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए बिहार सरकार ने पूरे राज्य में अगले 15 दिन तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। हालांकि इस दौरान सभी इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। लॉकडाउन को लेकर विस्तृत गाइडलाइंस थोड़ी देर में जारी होगा। सोमवार को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था। इस पर अंतिम मुहर के लिए मंगलवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (सीएमजी) की बैठक हुई।
वाहन परिचालन को लेकर क्या नियम होंगे और सार्वजनिक वाहन चलेंगे या नहीं, इस पर भी निर्णय होगा। किन-किन जरूरी चीजों को कितनी छूट मिलेगी, इसका निर्धारण भी बैठक के दौरान किया जायेगा। फिलहाल राज्य में पटना समेत दर्जन भर जिलों में 16 जुलाई या इससे अधिक समय तक लाॅकडाउन प्रभावी है। सरकार ने अभी लॉकडाउन लगाने का निर्णय लेने का अधिकार संबंधित जिलों के डीएम को दिया है। इसके आधार पर जिन जिलों में स्थिति ज्यादा खराब है, वहां के डीएम ने लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी है, लेकिन, सभी जिलों में लॉकडाउन लगाने का फैसला राज्य सरकार के स्तर से लिया गया।
पटना हाइकोर्ट प्रशासन ने राज्य की सभी जिला अदालतों को कम-से-कम एक सप्ताह तक वर्चुअल तरीके से ही कोर्ट का कामकाज करने को कहा है। साेमवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल नवनीत कुमार पांडेय ने दी। रजिस्ट्रार जनरल ने यह निर्देश सभी जिला अदालतों को भेज दिया है। बैठक में यह भी तय किया गया कि निचली अदालतों में रिलीज और रिमांड से संबंधित आपराधिक मामलों की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से न्यायिक पदाधिकारी अपने आवासीय कार्यालय से ही करेंगे। सभी जिला जजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी व्यक्ति की कोर्ट परिसर में उपस्थिति नहीं होगी।
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