नई दिल्ली । वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) की तीसरी लहर पूरी दुनिया में लोगों के लिए नई मुसीबत बन आई है। एक तरफ जहां कई देशों में कड़े प्रतिबंध लगाने से लोग सहम गए तो वहीं कई जगह ओर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी तरफ भारत जैसे देश में कोरोना के मामले एक बार फिर बेहद तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। 24 घंटों में एक लाख, 68 हजार 63 से ज्यादा नए मरीज मिले हैं। वहीं, ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 69 हजार, 959 है। इस महामारी से 277 लोगों की मौत हो गई है।
नए नियमों के अनुसार उन्हें सात दिनों तक घर पर क्वारंटाइन में रहना होगा और इसके बाद आठवें दिन अपनी आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी। उन्हें आठवें दिन की गई जांच के नतीजे को एअर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करना होगा। जांच के नतीजे नेगेटिव आने पर उन्हें अगले सात दिनों तक अपने स्वास्थ्य की खुद निगरानी करनी होगी। गैर जोखिम वाले देशों से यात्रियों के आने पर, उन्हें घर पर सात दिनों तक अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन में रहना होगा और जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों द्वारा अनुपालन किए जाने वाले सभी अन्य प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा।
जबकि जिन देशों को जोखिम वाले देशों की सूची में नहीं रखा गया है वहां से आने वाले यात्रियों की हवाईअड्डे पर कोविड जांच की जाएगी और इसके लिए उनमें से किसी भी दो प्रतिशत यात्री के नमूने लिए जाएंगे।
नेपाल में सार्वजनिक स्थानों पर वैक्सीन कार्ड जरूरी
नेपाल सरकार ने सरकारी कार्यालयों, होटल, रेस्तरां, सिनेमा हाल, स्टेडियम, घरेलू विमान, बैंक एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए वैक्सीन कार्ड अनिवार्य करने का फैसला लिया है। 17 जनवरी से यह नियम लागू हो जाएगा। तेजी से फैल रहे ओमिक्रोन वायरस को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। पिछले एक सप्ताह के दौरान नेपाल में कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई। कोविड संकट प्रबंधन सेंटर ने रविवार को महामारी पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय किए हैं। नेपाल के प्रधानमंत्री इस सेंटर के चेयरमैन हैं। सेंटर ने फरवरी तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
चीन के शियान शहर में सख्त पाबंदी
चीन के पश्चिमोत्तर सांशी प्रांत की राजधानी शियान शहर में कोरोना संक्रमण के 30 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना प्रसार को रोकने के लिए चीन सरकार ने शहर में सख्त पाबंदियां लगाई हैं। प्रतिबंधों के खिलाफ लोगों का गुस्सा भी फूटने लगा है। 1.3 करोड़ की आबादी वाले इस शहर में पाबंदियों के चलते लोगों को खाद्य सामग्री, दवा और दैनिक जरूरत की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर लोग अपनी नाराजगी जता रहे हैं। प्रशासन ने ऐसा करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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