भोपाल। मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) में कोरोना वायरस (Corona Virus) से संक्रमित(Infected) मरीजों के आंकड़े से तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए सरकार (Government) द्वारा खूब प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत ने लोगों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है.
शिवराज सरकार (Shivraj Government) दावा कर रही है कि हॉस्पिटल (Hospital) को दोगुनी मात्रा में ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति की जा रही है. 8 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति की गई, तो वहीं 12 अप्रैल को 267 मीट्रिक टन ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति की गई. हालांकि मांग बहुत अधिक है. वहीं भोपाल के एक अस्पताल ने तो पहले से ही ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत बताते हुए गंभीर रोगियों को भर्ती करना बंद कर दिया है.
रायसेन जिले के सिटी हॉस्पिटल ने डिमांड के अनुरूप ऑक्सीजन (Oxygen) न मिलने पर गंभीर रोगियों को भर्ती करने से साफ इनराप कर दिया. सरकार द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई भरपूर उपलब्ध कराने के दावे के बावजूद हॉस्पिटल का कहना है कि उन्हें डिमांड के अनुरूप महज 30 प्रतिशत ही ऑक्सीजन की सप्लाई मिल रही है. सिटी हॉस्पिटल के पीआरओ आशीष गोस्वामी ने बताया कि हमें 90 सिलेंडर ऑक्सीजन (Oxygen) की आवश्यकता है, लेकिन 30 सिलेंडर ऑक्सीजन (Oxygen) ही मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन (Oxygen) की वजह से छह लोगों की जान जा चुकी है. वहीं उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज ने भी ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर चिंता जताई है. वहीं भोपाल के न्यूरोन हॉस्पिटल में तो गंभीर बीमार मरीजों के साथ आ रहे परिजनों से पहले ही कहा जा रहा है कि ऑक्सीजन (Oxygen) नहीं है. किसी भी अप्रिय घटना के मामले में हॉस्पिटल की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. हॉस्पिटलों ने एक तरफ जहां गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भर्ती करना बंद कर दिया है, तो वहीं राज्य सरकार का दावा है कि ऑक्सीजन (Oxygen) की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इस मामले में केंद्र सरकार से भी संपर्क किया जा रहा है.