नलखेड़ा। नलखेडा स्थित शक्तिपीठ बगुलामुखी माता मंदिर पर बाहरी राज्यों से रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु आ रहे है। इनमें ज्यादातर ऐसे राज्यों के लोग है जहाँ कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के ज्यादा मरीज मिल रहे है। स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन यहां के श्रद्धालुओं की जांच नहीं कर रहा। यह लापरवाही भारी पड सकती है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर लगातार अपने पैर पसार रही है। दिल्ली,राजस्थान,गुजरात व महाराष्ट्र में कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इन राज्यों से नगर में स्थित माँ बगुलामुखी माता मंदिर पर दर्शनार्थी रोजना सैकड़ों की तादाद में आ रहे है। वाबजूद इसके बाहरी राज्यों से आने वाले भक्तों की जांच नहीं की जा रही।
जबकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह क्षेत्र सर्वाधिक प्रकोप झेल चुका है। परंतु देवी माँ की कृपा से अभी तक क्षेत्र में कोई कोरोना संक्रमित नहीं मिला है लेकिन बाहर के प्रभावित राज्यों से बगैर जांच के आ रहे श्रद्धालुओं के कारण संक्रमण कभी भी फैल सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। मौजूदा परिस्थितियों में प्रतिदिन दिल्ली, महाराष्ट्र व राजस्थान में लगातार नये वैरिएंट के मरीज बढ़ रहे है। शक्तिपीठ पर आ रहे अधिकांश भक्तों में इन्हीं राज्यों के दर्शनार्थी होते है। ऐसे में यहाँ भी संक्रमण फैलने का अंदेशा बढ़ रहा है।
नववर्ष में भक्तों की भीड़ ला सकती है संक्रमण
विश्व प्रसिद्ध सिद्धपीठ माँ बगलामुखी मंदिर पर नववर्ष की शुरुआत में ही हजारों दर्शनार्थी पहुंचने लगेहै वहीं आगामी दिनों में इनकी तादाद और बढऩे की संभावना है। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से क्षेत्र को बचाने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति व जिला प्रशासन को तत्काल निर्णय लेकर ऐसे राज्यों जहाँ संक्रमण अधिक फैल चुका है से आने वाले दर्शनार्थियों की कोरोना जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति देना चाहिए। अगर एक भी बाहरी श्रद्धालु संक्रमित हुआ तो कई को भारी पड़ सकता है।
सोशल डिस्टेंसिंग का हो पालन
माँ बगलामुखी मंदिर पर छुट्टियों के मौजूदा दिनों में बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंच रहे है। ऐसे में मंदिर परिसर में कहीं भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। नववर्ष के दौरान दर्शनार्थियों की संख्या कई गुना अधिक रहने की संभावना है। जिसके चलते मंदिर प्रबंधन समिति के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने और मास्क लगाने की अनिवार्यता लागू करने की चुनौती और अधिक बढ़ जाएगी। प्रबन्ध समिति व प्रशासन को इस पर तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता है।
कम श्रद्धालुओं में ही भर जाता है गर्भगृह
गौरतलब है कि देवी बगुलामुखी माता मंदिर का गर्भगृह काफी छोटा है यहां एक बार में 8 से 10 दर्शनार्थी ही दर्शन कर सकते है। ऐसे में भीड़ के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पाता है। प्रबन्ध समिति द्वारा दर्शनार्थियों की संख्या बढऩे पर गर्भगृह में प्रवेश निषेध किया जाता है लेकिन जिस सोलह खंबो के पांडाल से दर्शन करवाये जा रहे है वहाँ भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है और दर्शनार्थी एक दूसरे को धक्का देते नजर आते है। इस विषय पर प्रबन्ध समिति को गंभीरता से विचार कर उचित निर्णय लेना चाहिए।
इनका कहना है
माँ बगुलामुखी मंदिर पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करवाया जावेगा। नववर्ष पर संख्या अधिक रहने की संभावनाओं को देखते हुए विशेष इंतजाम किए जावेंगे।
विजयकुमार सेनानी, तहसीलदार व सचिव, माँ बगलामुखी मंदिर प्रबन्ध समिति
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