उज्जैन। नए साल आगमन के उपलक्ष्य में महाकाल लोक तथा महाकाल मंदिर में भीड़ उमड़ रही है। ज्यादातर श्रद्धालु ट्रेनों के जरिये उज्जैन पहुँच रहे हैं लेकिन बाहर से आने वाले लोगों की स्टेशन से लेकर महाकाल मंदिर के प्रवेश द्वार तक कहीं भी कोरोना जाँच नहीं हो रही और न ही उनसे मास्क लगाने के नियम का पालन करवाया जा रहा। स्वास्थ्य विभाग केवल 4 दिन पहले दो अस्पतालों में माकड्रील कर रह गया है। चीन में फैले कोरोना के नए बीएफ 7 वेरिएंट का खतरा देश में बढ़ गया है। गुजरात से लेकर केरल तक इसके कई मरीज भी मिल चुके हैं। इसे देखते हुए पिछले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर पूरे देश के सरकारी अस्पतालों में कोरोना की चौथी लहर से निपटने के इंतजामों की माकड्रील कराई गई थी। उज्जैन के माधवनगर तथा चरक अस्पताल में भी माकड्रील हुई थी और चिकित्सकों और स्टाफ ने मिलकर डमी मरीजों के जरिये कोरोना मरीजों के उपचार से लेकर उन्हें आईसीयू तक के उपचार दिए जाने का डेमोस्टेशन किया था। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी जारी करते हुए खासकर उज्जैन में क्रिसमस से लेकर अंग्रेजी नए साल की शुरुआत के दिनों में यहाँ बाहर से आने वाले पर्यटकों और महाकाल दर्शन करने वालों के साथ-साथ स्थानीय लोगों से भी भीड़ भरे स्थानों पर मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंस की अपील की थी। इधर इंदौर तथा भोपाल जिलों में हवाई अड्डों पर एहतियात के तौर पर बाहर से आ रहे यात्रियों की कोरोना जाँच भी शुरु कर दी गई है।
इधर नए साल के शुरुआती दो दिनों में 6 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के महाकाल लोक और महाकाल पहुँचने का अनुमान अधिकारी लगा रहे हैं। ऐसे में अगले दो दिनों में जितनी आबादी उज्जैन की है उसके बराबर और लोग बाहर से आएँगे। इसमें देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेश पर्यटक और श्रद्धालु भी शामिल रहेंगे। अभी तक के आंकड़े बताते हैं कि महाकाल दर्शन के लिए आने वाले 100 में से 60 श्रद्धालु टे्रनों के जरिये ही यहाँ पहुँच रहे हैं। ऐसे में दो दिन 6 लाख श्रद्धालुओं के अनुमान से करीब पौने 4 लाख श्रद्धालु ट्रेनों से आने वाले हैं। बावजूद इसके स्टेशन पर बाहर से आने वाले लोगों की स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जाँच की व्यवस्था नहीं की है। आज सुबह रेलवे स्टेशन पर बाहर से आए यात्री तथा ट्रेनों का इंतजार कर रहे यात्री भी बगैर मास्क के स्टेशन के प्लेटफार्मों पर दिखाई दिए। महाकाल में भी आज सुबह से अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही है। महाकाल लोक में भी बड़ी संख्या में लोग पहुँच रहे हैं। दोनों स्थानों पर प्रवेश द्वार पर भी बगैर मास्क लगाए आ रहे लोगों को रोकने-टोकने तक के इंतजाम मंदिर समिति और जिला प्रशासन ने नहीं किए हैं। कुल मिलाकर बाहर से आ रहे लोगों की उज्जैन में न तो स्टेशन पर जाँच हो रही है और न ही महाकाल मंदिर और महाकाल लोक में कोरोना गाईड लाईन का पालन कराया जा रहा यह चिंता का विषय है। हालांकि अभी उज्जैन जिला पिछले एक माह से कोरोना मुक्त चल रहा है।
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