कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में कोरोना काल में निजी अस्पताल (Private Hospital) की मनमानी जारी है। आम आदमी तो रोज ही सिस्टम से लड़ कर व्यवस्थाओं को कोस रहा है। इसी बीच कानपुर कोर्ट के जिला जज (District Judge) भी निजी अस्पताल की अव्यवस्था का शिकार हो गए।
कोरोना संक्रमित जिला जज को निजी अस्पताल में समुचित इलाज नहीं मिला। वह भी तब जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने खुद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) पहुंचे थे। इतना ही नही अव्यवस्थाओं के बारे में शिकायत करने पर दबंग अस्पताल प्रबंधक ने सीएमओ को भी हड़का दिया। जिसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अस्पताल के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया।
कानपुर के जिला जज आरपी सिंह कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जिन्हें पनकी थाना क्षेत्र में स्थित नारायणा हॉस्पिटल में भर्ती कराने खुद सीएमओ डॉ अनिल कुमार मिश्र पहुंचे थे। इस दौरान पहले तो सीएमओ और जिला जज दोनों ही अस्पाल की लिफ्ट में फंस गए।
काफी देर तक लिफ्ट में फंसने के बाद किसी तरह बाहर निकले तो उन्हें अटैण्ड करने के लिए वहां कोई विशेषज्ञ नहीं था। जिससे जिला जज महोदय को अस्पताल में इलाज नहीं मिल सका। इस अव्यवस्था के बीच अपनों का इलाज करा रहे तीमारदारों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सामने अपना दर्द बयां किया। उन्होंने सीएमओ को बताया कि किस तरह से अस्पताल में लापरवाही उनके परिजनों पर भारी पड़ रही है?
मेरा अस्पताल सीज करा दो, मुझे जेल भेज दो
इसके बाद सीएमओ ने नारायणा अस्पताल के प्रबंधक अमित नारायण से फोन मिलाया और अस्पताल की बदइंतजामी के बारे में बात की। जिस पर अपनी गलती मानने के बजाय अमित नारायण सीएमओ को हड़काते हुए बोले मेरा अस्पताल सीज करा दो और मुझे जेल भेज दो। तमतमाए सीएमओ सीधे पनकी थाने पहुंचे। जहां उन्होंने अस्पताल प्रबंधक और अस्पताल में तैनात डॉक्टरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए तहरीर दी।
केस दर्ज, जांच के बाद कार्रवाई: डीसीपी वेस्ट
सीएमओ की तहरीर पर पनकी थाने ने में नारायणा अस्पताल के प्रबंध अमित नारायण और अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों के खिलाफ धारा-166 बी, 269, 270, 188, 506 और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। डीसीपी वेस्ट संजीव त्यागी का कहना है कि सीएमओ की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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