नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा (Compensation to the families of those who died of Corona) देने और मौत की वजह दर्ज करते हुए डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र की तरफ से अब तक जवाब दाखिल न होने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आप जब तक कदम उठाएंगे, तब तक तीसरी लहर भी आकर जा चुकी होगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार को 11 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अगस्त को कोरोना से मरने वालों के परिजनों को आर्थिक मदद देने के मामले पर दिशानिर्देश तैयार करने के लिए केंद्र को चार हफ्ते का समय दिया था। 30 जून को कोर्ट कहा था कि कोरोना से मरनेवालों के परिजनों को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। हालांकि ये मदद कितनी हो ये तय करने से कोर्ट ने परहेज किया था। कोर्ट ने कहा था कि मुआवजा तय करना राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार का वैधानिक कर्तव्य है।
कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार को निर्देश दिया था कि वो छह हफ्ते में दिशानिर्देश जारी करें कि कितनी राशि मुआवजे के तौर पर दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से हुई मौतों के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल करने का दिशानिर्देश जारी करने का निर्देश दिया था। (एजेंसी, हि.स.)
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