इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 237 करोड़ की लागत से बने सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण किया और संभागायुक्त, कलेक्टर, आईजी, डीआईजी सहित, चिकित्सकों, नर्स, मेडिकल स्टाफ के साथ शहरवासियों द्वारा भी कोरोना नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि यह अजीब बीमारी आई है जो अपनों को भी दूर कर देती है और वे खुद इसके भुक्तभोगी बने। 12 दिन अस्पताल में भर्ती रहे और बाथरूम से लेकर रूम तक खुद साफ किया और फिर घर पर भी क्वारेंटाइन की अवधि में किसी से नहीं मिले-जुले।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री खुद पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव हुए और उन्हें चिरायु अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती होना पड़ा, जिसका उल्लेख उन्होंने कल इंदौर में भी किया और कहा कि पहले जब कोई बीमार होता था तो कई लोग हालचाल पूछने आते थे। साथ में फल-फूल भी शुभकामनाओं के साथ लाते। मगर कोरोना ऐसी अजीब बीमारी आई, जिसमें बाहर वाला तो दूर, अपने घर के ही नजदीक नहीं आ सकते। वे खुद अकेले अस्पताल में रहे और अपना काम खुद ही करना पड़ा और जब घर पहुंचे तब भी उन्होंने सबको मना कर दिया था कि कोई उनके नजदीक ना आए। भोजन भी दरवाजे के बाहर रख दिया जाता था, जिसे मैं बाद में उठाकर रूम में लाकर खाता। उन्होंने इंदौर द्वारा कोरोना जंग से लडऩे के किए गए उपायों की भी सराहना की और कहा कि प्रदेश में कोरोना का नि:शुल्क इलाज करवाया जाएगा और आर्थिक रूप से सक्षम लोग जो प्राइवेट अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं उन्हें अनुमति दी जाएगी। मगर अगर कोई प्राइवेट अस्पताल मनमानी फीस चार्ज करता है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी अफसर करें। उन्होंने सामने मौजूद संभागायुक्त, कलेक्टर को इस आशय के निर्देश भी मंच से ही दे दिए। साथ ही उन्होंने कोरोना नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों की सराहना करते हुए संभागायुक्त, कलेक्टरों, अफसरों और चिकित्सकों की पीठ भी एक बार फिर थपथपाई और कहा कि इस हॉस्पिटल के निर्माण से प्रधानमंत्री जी के संकल्प को भी पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस मौके पर वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल हुए और उन्होंने हॉस्पिटल निर्माण की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का भी उल्लेख किया।
कांग्रेसी नहीं फटक सके मुख्यमंत्री के पास… नहीं दी अनुमति
मुख्यमंत्री के इंदौर आगमन पर कांग्रेसियों ने भी मिलने का प्रयास किया था, मगर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। लिहाजा कांग्रेसी मुख्यमंत्री के पास तो नहीं फटक सके, अलबत्ता दूर से ही विरोध-प्रदर्शन करते रहे और बयान भी दिया कि मुख्यमंत्री को सिर्फ सांवेर उपचुनाव से ही मतलब है। कोरोना से लेकर जनहित के मुद्दों पर हमने चर्चा के लिए समय मांगा था जो नहीं मिला। शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि जिलाध्यक्ष के अलावा पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू, विधायक जीतू पटवारी, संजय शुक्ला, विशाल पटेल के अलावा अन्य प्रतिनिधि मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे, ताकि जनहित से जुड़े मुद्दों पर उनसे बिन्दुवार चर्चा की जा सके। कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने भी आरोप लगाया कि मनमानी स्कूलों की फीस, भारी-भरकम बिजली बिलों से लेकर कोरोना संक्रमण, इलाज सहित हर मामले में शिवराज सरकार नाकाम रही है। गणेश जी, दुर्गा जी की मूर्ति बनाने वालों को भी मुआवजा नहीं मिला और अतिवर्षा से ग्रस्त किसानों को भी अभी तक मुआवजे के पते नहीं हैं।
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