नई दिल्ली। दुनियाभर में जारी कोरोना टीकाकरण (corona vaccination) के बीच वैज्ञानिकों (scientists) ने एक ऐसी दवा खोज निकाली है, जिससे वायरस (virus) इंसान को संक्रमित करने के बजाय खुद अपना ही खात्मा कर लेगा। अमेरिका (America) स्थित स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (Scripps Research Institute) के शोधकर्ताओं के मुताबिक, एनएमटी5 नाम की यह दवा सार्स-कोव-2 (कोरोना) वायरस के उभरते स्वरूपों के खिलाफ भी असरदार साबित होगी।
नेचर केमिकल बायोलॉजी में छपे शोध में बताया गया है कि इस दवा में शामिल रसायन कोरोना वायरस को शरीर में एसीई2 रिसेप्टर से जोड़ने से रोकते हैं ताकि आगे कोशिकाएं संक्रमित न हो पाएं। शोध के वरिष्ठ लेखक स्टुअर्ट लिप्टन का कहना है, एनएमटी5 के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इससे वायरस खुद अपने ही खिलाफ हो जाएगा।
इस दवा के दो प्रमुख गुण हैं
पहला, यह कोरोना वायरस की सतह पर स्थित छिद्र को पहचान कर उससे जुड़ जाती है। दूसरा, शरीर में एसीई2 अणु को रासायनिक तौर पर संशोधित कर देती है, जहां इसमें शामिल नाइट्रोग्लिसरीन वायरस के खिलाफ हथियार का काम करता है। इस तरह वायरस जब एसीई2 पर चिपकता है तो वह स्वयं को नष्ट कर लेता है।
वैज्ञानिकों ने एनएमटी5 का इंसान के साथ-साथ जानवरों में भी परीक्षण किया है। इस दौरान पाया गया कि ज्यों ही सार्स-कोव-2 वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो यह दवा उसके हिस्सों पर सख्ती से चिपक जाती है। एनएमटी5 का रासायनिक संगठन इस प्रकार है कि यह वायरस को वाहक के तौर पर इस्तेमाल करती है। शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि दवा वायरस के अन्य स्वरूपों के खिलाफ भी प्रभावी रहेगी।
कोरोना के नए उभरते स्वरूपों पर भी एनएमटी5 के असरदार रहने की उम्मीद है। इसका आक्रमण केवल उन हिस्सों पर निर्भर नहीं है, जो आमतौर पर म्यूटेट करते रहते हैं। – चांग-की ओह, वरिष्ठ वैज्ञानिक और शोध के प्रथम लेखक
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