– वेतन के अलावा अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं मिला… खाने के साथ परिवहन की भी परेशानी
इंदौर। अभी किल कोरोना सर्वे के चलते सैम्पलिंग का काम बढ़ गया है। वहीं इसमें जुटी टीम के सदस्य असुविधाओं के चलते परेशान हैं। कल सुबह उन्होंने सैम्पलिंग का काम भी बंद कर दिया। फिर कलेक्टर ने उनकी समस्याएं सुलझाई। तत्पश्चात दोपहर बाद सैम्पलिंग टीम काम पर लौटी। वेतन के अलावा मिल रहे पारिश्रमिक, खाने और परिवहन की समस्या सैम्पल टीम में शामिल डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ ने कलेक्टर से मुलाकात कर बताई।
इंदौर में मार्च के महीने से ही कोरोना संक्रमण चल रहा है और अभी तक इससे निजात नहीं मिली और तमाम विपरित परिस्थितियों में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्टाफ काम कर रहा है। यह भी उल्लेखनीय है कि सबसे ज्यादा संक्रमण की चपेट में डॉक्टर व स्टाफ ही लगातार आ रहा है। शुरुआत में तो स्टाफ के पास पीपीई किट से लेकर मास्क, सेनिटाइजर तक नहीं था। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह ने इनकी व्यवस्थाएं ताबड़तोड़ करवाई। वहीं डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को होटलों-गार्डनों में भी ठहराया। वहीं उनके खाने से लेकर परिवहन की व्यवस्थाएं भी करवाई गई। मगर अनलॉक की प्रक्रिया के बाद से कई व्यवस्थाएं खत्म भी हो गई। जबकि किल कोरोना सर्वे के चलते अभी 1 जुलाई से ही सेम्पलिंग भी बढ़ाई गई और शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी चूंकि संक्रमण फैल रहा है इसलिए सैम्पलिंग की टीम ग्रामीण क्षेत्रों में भी भेजी जा रही है। अभी 122 टीमें सैम्पलिंग के कार्य पर जुटी है, जिनमें एक डॉक्टर और एक पैरामेडिकल स्टाफ रहता है। इस तरह लगभग ढाई सौ लोग रोजाना सैम्पलिंग के काम में जुटे हैं। डेढ़ हजार से लेकर ढाई हजार तक सैम्पल सुबह से लेकर शाम तक एकत्रित किए जा रहे हैं। जिन क्षेत्रों में कोरोना मरीज ज्यादा संख्या में मिल रहे हैं वहां भी सैम्पलिंग बढ़ाई जा रही है। कल सुबह से शहरी क्षेत्र की सैम्पलिंग टीम ने काम बंद कर दिया था। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र की टीम तो सुबह 9 बजे ही निकल गई थी। सैम्पलिंग टीम में शामिल डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ का कहना है कि वेतन के अलावा उन्हें जो पारिश्रमिक दिया जा रहा था वह इस बार अभी तक नहीं मिला। इसके अलावा खाने की समस्या भी आ रही है और परिवहन की भी, क्योंकि सैम्पलिंग टीम को अलग-अलग क्षेत्रों में जाना पड़ता है, जो कि उनके घर से दूर भी है और अभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी लगभग बंद ही है। अपनी समस्याओं को लेकर सैम्पलिंग टीम ने कलेक्टर मनीष सिंह से चर्चा की, तो उन्होंने तुरंत ही उनकी समस्याओं का निराकरण करवाया। कुछ स्टाफ इसमें स्वास्थ्य विभाग का है, तो कुछ निजी कॉलेजों-अस्पतालों का भी शामिल है। राऊ स्थित ट्रेनिंग सेंटर पर भी सैम्पलिंग टीम में शामिल कई लोग रह रहे हैं। लिहाजा उनके आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था प्रशासन ने करवा दी है। यही कारण है कि दोपहर के बाद सैम्पलिंग टीम ने अपना काम शुरू किया और कल भी 2296 सैम्पल अलग-अलग स्थानों से कलेक्ट किए। सैम्पल टीम में शामिल ज्यादातर स्टाफ इंटर्नशिप कर रहा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की अलग-अलग टीमें सुबह से देर रात तक सैम्पलिंग के काम में जुटी रहती है और एक तरह से यह स्टाफ भी हाईरिस्क झोन में ही काम कर रहा है। अभी किल कोरोना अभियान के बाद भी शहर और ग्रामीण क्षेत्र के संक्रमित पाए जा रहे इलाकों में सर्वे निरंतर जारी रहेगा।
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