उज्जैन। कोरोना संक्रमण दर उज्जैन में अब लगभग शून्य हो गई है। बीते 24 घंटे में जिले में एक भी मरीज नहीं मिला, वहीं कल 6 मरीजों की छुट्टी होने के बाद पूरे जिले में कोरोना का एक भी एक्टिव मरीज नहीं रह गया। हालांकि अस्पतालों में अभी भी दो दर्जन से ज्यादा मरीज पोस्ट कोविड बीमारियों के उपचार करा रहे हैं।
उज्जैन जिले में मई महीने के आखिरी हफ्ते से ही कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई। दूसरी तरफ तेज गति से वैक्सीनेशन भी शुरू कर दिया गया, लेकिन महीने के अंत तक आते-आते उज्जैन में संक्रमण दर लगभग शून्य पर आ चुकी है। अप्रैल और मई महीने में जहां कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपाया, वहीं बड़ी संख्या में मौतें भी हुुईं, लेकिन उसके बाद स्थिति में सुधार शुरू हुआ और अब कोरोना संक्रमण नाममात्र का रह गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों के भी सारे कोरोना बेड खाली हैं। अलबत्ता तीसरी लहर की तैयारियां चल रही हैं। संक्रमण दर घटने के साथ ही रिकवरी रेट में भी इजाफा हो गया। उल्लेखनीय है कि उज्जैन में आज से 450 दिन पहले 23 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से लगातार जिले में कल शाम तक कोरोना के 19091 मरीज मिल चुके थे। इस दौरान 3 लाख 61 हजार 663 नमूनों की जांच की जा चुकी है। इनमें से कल शाम तक 18 हजार 920 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके है और 171 की मौत हुई है। उज्जैन जिले के गांवों में कोरोना महामारी अब पूरी तरह थम गई है, जिसके कारण आम जनता में खुशी छा गई है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। पूरे जिले में उज्जैन शहर सहित सभी 6 तहसीलों के गांव ग्रीन झोन में आ गए हैं और कही भी कोरोना का एक्टिव केस नहीं बचा है।
टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर ही जोर: उज्जैन में कल शाम तक कोरोना के 6 एक्टिव मरीज रह गए थे। कल शाम को इन सभी की ठीक होने पर छुट्टी कर दी गई। पिछले एक महीने से उज्जैन जिले में मरीज कम आने लगे थे। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने औसतन रोजाना 2 हजार के लगभग कोरोना टेस्ट किए। कल शाम को भी 1700 से ज्यादा सेंपलों की जांच रिपोर्ट आई। इसमें एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला। नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने कहा कि उज्जैन जिले में स्थिति अब बेहतर हो गई और संक्रमण न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, मगर असावधानी नहीं बरतना है। सख्ती से ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। कोरोना के हर मरीज की तुरंत पहचान कर उसे आइसोलेट करने और तत्काल इलाज जरूरी है। इस मामले में कोई भी ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
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