कटनी। एक तरफ मध्य प्रदेश में तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लापरवाही भी जमकर हो रही है। कटनी जिले से ऐसी ही लापरवाही का एक मामला सामने आया है। जहां एक डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी लोगों का इलाज कर रहा था।
यह है पूरा मामला
कटनी के कोतवाली थाना क्षेत्र की नई बस्ती में स्थित मंगतराम हॉस्पिटल की कुछ समय से प्रशासन को लगातार शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद 20 अप्रैल 2021 को तहसीलदार रविंद्र पटेल ने अस्पताल पहुंचकर अस्पताल के डॉक्टर विशंभर लालवानी और उनकी फैमिली को क्वारंटाइन कराकर अस्पताल को सील कर दिया था। इसके बाद भी डॉक्टर विशंभर लालवानी अस्पताल को पीछे से खोलकर लोगों का इलाज कर रहे थे।
डॉक्टर है पॉजिटिव
दरअसल, पूरे कटनी जिले में करोना कर्फ्यू लगा हुआ है। ऐसे में कटनी जिले के कलेक्टर ने सभी निजी अस्पतालों को निर्देश दिए है कि सभी अस्पताल कोविड गाइडलाइन के प्रोटोकॉल तहत ही खोली जाए। और गाइडलाइन के तहत ही मरीजों का इलाज किया जाए। कलेक्टर के निर्देश के बाद भी गतराम हॉस्पिटल के डॉक्टर विशंभर लालवानी कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन कर मरीजों का इलाज कर रहे थे। जबकि बताया जा रहा है डॉक्टर खुद भी कोरोना पॉजिटिव है इसके बाद भी वह मरीजों का इलाज करने में जुटे थे।
पिछले लॉकडाउन में भी सील हुआ था अस्पताल
कटनी जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 1 साल पहले भी जब लॉकडाउन लगाया गया था, तब भी डॉक्टर पीछे से अस्पताल खोलकर कोरोना प्रोटोकॉल के विपरीत काम कर रहे थे। उस वक्त भी उनके अस्पताल को सील कर दिया गया था। जबकि इस बार भी उन्होंने यही काम किया। ऐसे में उनके अस्पताल को इस बार भी प्रशासन ने सील किया। इसके बाद भी डॉक्टर विशंभर लालवानी ने लापरवाही बरती। खुद पॉजिटिव होने के बाद भी दूसरे मरीजों का इलाज करने से डॉक्टर लगातार कोरोना संक्रमण फैला रहे थे।
कटनी जिले के कलेक्टर प्रियंका मिश्रा ने बताया कि इस बात की जानकारी मिली थी कि डॉक्टर अस्पताल सील होने के बाद भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे में जब अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो यह बात सच साबित हुई। फिलहाल कटनी जिले के कलेक्टर प्रियंका मिश्रा ने कहा कि डॉक्टर के अस्पताल को फिर से सील कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल कलेक्टर ने कटनी जिले के लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
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