नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से ऐलान किया था कि देश के हर नागरिक को नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत हेल्थ कार्ड जारी किया जाएगा. अब दो महीने के बाद पीएम ने फिर संकेत दिए हैं कि ‘डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) का इस्तेमाल टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा.’ ‘ग्रैंड चैलेंजेस’ की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि कोविड (COVID-19 in India) संक्रमण का टीका (Corona Vaccine) विकसित करने के मामले में हम अग्रिम मोर्चे पर हैं और इनमें से कुछ तो ‘एडवांस स्टेज ’पर हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘देश के अनुभव और प्रतिभा शोध के लिहाज से भारत वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं के केंद्र में होगा और चाहेगा कि वह दूसरे देशों की मदद करे.’ उन्होंने याद दिलाया कि वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रमों में इस्तेमाल होने वाले टीकों का 60 फीसद उत्पादन भारत में होता है.
डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि ‘भारत पहले से ही एक वेल इस्टैबलिस्ड वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम पर काम कर रहा है और डिजिटल हेल्थ आईडी के साथ इस डिजिटल नेटवर्क का उपयोग हमारे नागरिकों के टीकाकरण को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा.’ पीएम ने कहा कि ‘भारत के आकार और विविधता ने हमेशा वैश्विक समुदाय को उत्सुक किया है. हमारा देश संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या के आकार का लगभग चार गुना है. हमारे कई राज्य यूरोपीय देशों के बराबर हैं. भारत में COVID-19 मृत्यु दर को बहुत कम है. आज, हम प्रति दिन मामलों की संख्या और मामलों की वृद्धि दर में गिरावट देख रहे हैं. भारत में 88 प्रतिशत की हाइएस्ट रिकवरी रेट है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि: भारत में जब कुछ सौ केस थे तब लचीले लॉकडाउन को अपनाने वाले पहले देशों में से हम एक थे. भारत मास्क के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाले पहले देशों में से एक था. भारत ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर काम किया.’
बीते स्वंतत्रता दिवस के अपने भाषण में भी पीएम ने डिजिटल कार्ड का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि ‘प्रत्येक भारतीय कोहेल्थ आईडीदी जाएगी. येहेल्थ आईडीप्रत्येक भारतीय के स्वास्थ्य खाते की तरह काम करेगी. आपके हर टेस्ट, हर बीमारी… आपने किस डॉक्टर के पास, कौन-सी दवा ली थी, उनका क्या डाइग्नोसिस था, कब ली थी, उनकी रिपोर्ट क्या थी, ये सारी जानकारी आपकी इसहेल्थ आईडीमें समाहित की जाएगी. डॉक्टर से अपॉइंटमेंट हो, पैसा जमा करना हो, अस्पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ हो, ये तमाम दिक्कतें… नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के माध्यम से अनेक मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी और उत्तम स्वास्थ्य के लिए हमारा कोई भी नागरिक सही फैसले कर पाएगा. ये व्यवस्था होने वाली है.’
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