मॉस्को । इस समय एक बार फिर दुनियाभर में कोरोना वायरस (Corona picks up pace in European countries, situation worsens in Russia) का प्रकोप तेज होने के कारण हालात बिगड़ने लगे हैं।
बता दें कि चीन के 11 प्रांतों में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन प्रांतों में पिछले हफ्ते 150 से अधिक कोरोना मरीज सामने आए हैं। इसे देखते हुए फिर लॉकडाउन कर दिया गया है। जहां मरीज मिल रहे उन स्थानों पर लोगों को जबरन टेस्ट और अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। वहीं रूस ने राजधानी मॉस्को को ग्यारह दिन के लिए बंद कर दिया है। चीन ने वायरस को रोकने के लिए युद्ध जैसी तैयारी शुरू कर दी है। वहीं न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप में एक साल बाद पहला केस सामने आने के बाद सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। यहां तक किजर्मनी में प्रतिबंध लागू करने की तैयारी है।
फ्रांस में संक्रमण दर 16 फीसदी बढ़ी है जो खतरे का इशारा है। फ्रांस में पिछले सात दिनों में रोजाना औसतन 5256 मामले सामने आ रहे हैं। सरकार हेल्थ पास को अनिवार्य करने की योजना बना रही है।
न्यूजीलैंड में फिर वायरस दस्तक दे चुका है। न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप में एक साल बाद पहला मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
ब्रिटेन में अब भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को यहां 43,941 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। वहीं 207 मौत हुई। अस्पतालों में अभी भी 8801 मरीज भर्ती हैं।
व्यापार के लिए सीमाएं खोलते ही सिंगापुर में संक्रमण बढ़ने लगा है। अस्पताल, बेड और आईसीयू फुल हो चुके हैं।
विदित हो कि चीन की राजधानी में प्रवेश प्रतिबंधों को और अधिक सख्त कर दिया गया। इसके तहत जो लोग उन क्षेत्रों से आते हैं जहां पर कोरोना के मामले अधिक हैं उन्हें कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। साथ ही 14 दिन की स्वास्थ्य निगरानी में रहना होगा।
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