नई दिल्ली। कोरोना का इलाज फिलहाल नहीं है, लेकिन शरीर की इम्युनिटी इस वायरस से लड़ रही है। ऐसे में लोग खान-पान के अलावा इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं पर भी जोर दिया है। जिससे इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री बढ़ी है। साथ ही इन दवाओं की भी खपत बढ़ गयी है। विटामिन व प्रतिरोधक क्षमता की दवाओं के दामों भी उछाल आया है।
कोरोना के पहले इन दवाओं की मांग न के बराबर थी। लेकिन कोरोना के बाद दवा की मांग ऐसी बढ़ी कि कुछ दिनों तक दवा व्यवसायियों को परेशानी हुयी। लेकिन कुछ दिनों बाद स्टाक उपलब्ध होने पर स्थिति ठीक हो गयी। जुलाई से सितबंर के बीच तक दवा कंपनियों ने भी बाजार में कई तरह की दवाओं के साथ ही काढ़ा बेचना शुरू कर दिया। जिससे व्यक्ति अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकता है। बाजार में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आधा दर्जन से अधिक दवाएं आ रही हैं। दवाओं की बढ़ती मांग के चलते इनके दाम में डेढ़ से दोगुना का इजाफा हुआ है। फार्मा बाजार में दवाओं की बिक्री प्रभावित हुई। आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री ने भी रफ्तार पकड़ी है।
थोक और फुटकर दवा कारोबार से जुड़े जानकारों की माने तो सामान्य दिनों की अपेक्षा लॉकडाउन में इम्युनिटी बढ़ाने वाली दवाओं की बिक्री का ग्राफ 30 फीसद तक बढ़ा है। जिसके चलते दवा कंपनियों ने इसके दामों में बढ़ोत्तरी भी की है। जो दवा बाजार में एक रुपये की आ रही थी, उसके दाम डेढ़ से दो गुना तक बढ़ गए हैं। वहीं बाजार में यह दवाएं कम आने से इनकी कालाबाजारी भी हुई। 38 रुपये की दवा 45 से 50 रुपये तक बेची गयी। (एजेंसी, हि.स.)
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