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    कोरोना काल में फल-फूल रहा इम्यूनिटी बाजार

  • July 17, 2020

    – कुसुम चोपड़ा

    आज के कोरोना काल में हर कोई अपनी और अपनों की सेहत को लेकर फिक्रमंद है। इस महामारी से बचने के लिए इस समय हर व्यक्ति कुछ भी करने को तैयार है। इसके लिए वो सभी चीजें भी खरीदने को तैयार है, जिनके बारे में उसने शायद ही आजतक कभी सुना या देखा हो। लोगों के इसी डर का फायदा उठाने में जुटा है देश का इम्यूनिटी बाजार। टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया पर इन दिनों ऐसे प्रोडेक्ट्स के विज्ञापनों की भरमार हैं, जिनसे शरीर की इम्यूनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का दावा किया जा रहा है। इन विज्ञापनों का लोगों पर जादुई असर भी होता दिखाई रहा है। उस प्रोडेक्टस को समझे और जाने बिना लोग उन्हें खरीद रहे हैं। कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए इन दिनों आयुर्वेदिक दवाओं की मांग भी काफी बढ़ गई है। आलम यह है कि बाजार में ऐसी दवाइयाँ आते ही खत्म हो जा रही हैं। इम्युनिटी बढ़ाने वाले प्रमुख उत्पाद जैसे च्यवनप्राश, गिलोय, अश्वगंधा और हैल्थ सप्लिमेंट्स आदि को अब लोग पहले के मुकाबले कहीं अधिक खरीद रहे हैं। पिछले 3-4 महीनों में इनकी मांग में 30 से 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। शहरों में तो लोग इन उत्पादों को बड़ी संख्या में खरीद ही रहे हैं, लेकिन गांवों में भी उन उत्पादों की भारी मांग है, जिनसे इम्यूनिटी बूस्ट होने का दावा किया जा रहा है।

    कोरोना संकटकाल में बेशक, कई उद्योग धंधे चौपट हो गए हों लेकिन एफएमसीजी कंपनियों की चांदी जरूर हो रही है। शहद, च्यवनप्राश हर्बल टी, आयुर्वेदिक काढ़ा और गिलोय रस जैसे कई हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों को बेचने वाली नामी-गिरामी कंपनियों को आजतक इतने कम समय में इतना बड़ा मुनाफा नहीं हुआ था। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि इन उत्पादों से कोरोना का संक्रमण ठीक होने की पुष्टि नहीं हुई है। हां, इतना जरूर है कि इनके सेवन से शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा जरूर होता है। जिससे लोग इस वायरस से आसानी से लड़ सकते हैं। कुछ डॉक्टरों द्वारा हल्दी वाला दूध पीने का सुझाव देने के बाद जहां देश में हल्दी की मांग बढ़ी है तो वहीं प्रसिद्ध डेयरी कंपनियों ने भी हल्दी और केसर वाला दूध बाजार में उतारने में देरी नहीं की। जबकि अदरक और विटामिन सी से भरपूर नींबू का भी लोग पहले की तुलना में कहीं ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।

    विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग इस वायरस का शिकार हो चुके हैं, उनमें एंटी बॉडीज़ बनने लगती हैं और उनकी इम्यूनिटी पहले के मुकाबले कहीं स्ट्रान्ग हो जाती है। लेकिन जो लोग अभीतक इस वायरस से बचे हुए हैं, उन्हें अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उन्हें आयुर्वेदिक दवाइयां, जड़ी-बूटियां, हरी सब्जियां, फल, डेयरी प्रोडेक्टस, सीमित मात्रा में ड्राई फ्रूट्स जैसी वस्तुएं ज्यादा से ज्यादा लेनी चाहिए। क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना नाम के राक्षस से लड़ने का एकमात्र हथियार सिर्फ और सिर्फ आपकी इम्यूनिटी ही है।

    इम्यूनिटी बढ़ाने की इस दौड़ में नित नए उत्पाद बाजार में उतारे जा रहे हैं। यहां तक कि अब मिठाइयों के भी इम्यूनिटी बूस्टर होने का दावा किया जा रहा है। गुजरात के पारंपरिक खाखरा और पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध और पारपंरिक मिठाई संदेश के भी इम्युनिटी बूस्टर वर्जन अब परोसे जाने लगे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने संदेश को अब आरोग्य संदेश के नाम से नए रूप में पेश किया है। इसके बारे में दावा किया गया है कि कई तरह की स्वास्थ्यवर्धक जड़ी-बूटियों और मसालों के साथ-साथ इसे सुंदरबन से निकलने वाले शुद्ध शहद से तैयार किया गया है। वहीं गुजरात में खाखरा बनाने वाली कंपनी का दावा है कि शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक नींबू, अदरक, हल्दी और तुलसी का इसमें भरपूर इस्तेमाल किया गया है। तो वहीं कुछ दुकानदार हल्दी से बना केक भी इन दिनों जमकर बेच रहे हैं। और तो और, जड़ी बूटियों से बनी धूप भी इन दिनों बाजार में बिक रही है। जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इससे निकलने वाला धुआं फेफड़ों को स्वस्थ रखने में कारगर होता है।

    गूगल की एक रिपोर्ट भी इम्युनिटी के बूस्ट होते बाजार की हकीकत बयां कर रही है। जनवरी से मार्च 2020 के बीच गूगल पर इम्युनिटी प्रोडेक्टस को लेकर 500 फीसदी सर्चिंग बढ़ी है। लोग गूगल पर गिलोय, काढ़ा आदि की सबसे ज्यादा सर्चिंग कर रहे हैं। अकेले गिलोय की सर्चिंग ही करीब 380 फीसदी बढ़ी है। जबकि विटामिन-सी की सर्चिंग 150 फीसदी तो काढ़ा की सर्चिंग 90 फीसदी तक बढ़ी है। लोगों की इसी दिलचस्पी और बाजार की नब्ज को समझते हुए संबंधित कंपनियों ने भी अपनी-अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बदल दी है।

    हालांकि, आयुष मंत्रायल द्वारा इम्यूनिटी बढ़ाने के कुछ सामान्य तरीके सुझाए गए हैं, जिन्हें अपना कर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं।

    – जब भी पानी की इच्छा हो तो सिर्फ गर्म पानी ही पीएं।

    – प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक ब्रिस्क वॉक, योगासन, प्राणायाम या ध्यान जरूर करें।

    -खाना बनाने में हल्दी-जीरा-धनिया-लहसुन और अदरक का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करें।

    – रोजाना सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश लें। जिन लोगों को शुगर की समस्या है वे शुगर फ्री च्यवनप्राश ले सकते हैं।

    -हर्बल टी या काढ़ा पिएं। इसके लिए तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च और अदरक और मुनक्का को एक साथ पानी में उबाल कर छान लें और उस पानी का इस्तेमाल करें। इसे आप दिन में दो बार भी ले सकते हैं। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें गुड़ या नींबू का रस भी मिला सकते हैं।

    भारत ही नहीं, इस समय पूरी दुनिया अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने पर ही जोर दे रही है। इसलिए देश के साथ-साथ विदेशों में भी इन उत्पादों की मांग आ रही है। पूरी दुनिया इन दिनों हर्बल उत्पादों को खरीद रही है। जिसे देखकर तो यही लग रहा है कि इम्यूनिटी का यह कारोबार भविष्य में और भी ज्यादा बूस्ट होने वाला है। भारत के लिए इससे भी ज्यादा अच्छी खबर यह है कि हर्बल और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की ज्यादातर आपूर्ति भारत और चीन से ही की जाती है। ग्लोबल मार्केट की अगर बात करें तो हर्बल बाजार में भारत और चीन की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है।

    खाद्य पदार्थों के अलावा, इन दिनों सेनेटाइज़र, मास्क और अन्य कई तरह के हेल्थ प्रोडेक्टस बनाने वाली कंपनियां भी भारी मुनाफा कमा रही है हैं। लोगों की जरूरतों को देखते हुए जहां कुछ कंपनियां सेशे और पॉकेट पैकिंग में सेनेटाइजर्स बाजार में लेकर आईं हैं तो वहीं कुछ कंपनियों ने सब्जियों और फलों आदि को वायरस मुक्त करने के लिए भी प्रोडेक्टस बाजार में उतारे हैं। बेशक, कंपनियां लोगों को लुभाने के लिए नित नए उत्पाद बाजार में उतार रही हैं, लेकिन सरकार की नजर इन पर लगातार बनी हुई है। सरकार इस बात को लेकर पूरी तरह से सचेत है कि कोरोना के इस समय में कोई भी कंपनी लोगों के डर और जरूरतों का गलत फायदा ना उठा ले।

    (लेखिका हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं।)

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