रायपुर। कोरोना (Corona) मरीजों के इलाज में कारगर रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) के नाम पर नकली माल सप्लाई होने से पहले ही इसका भांडा फोड़ हो गया. जिसके चलते हजारों मरीजों की जान जोखिम में जाने से पहले ही बच गई. दरअसल एक दवा व्यापारी (Drug Dealer) ने इंजेक्शन्स की बड़े खेप इन काले कारोबारियों से मंगवायी थी.
रायपुर स्थित डायमंड एजेंसी (Diamond Agency) ने रेमडेसिविर(Remdesivir ) के 200 इंजेक्शन(200 injection) खरीदने के लिए सूरत स्थित आदिनाथ डिस्पोज़ेबल(Adinath Disposable) को ऑर्डर दिया था. यह वही आदिनाथ डिस्पोज़ेबल कंपनी है जिसे कौशल वोरा संचालित करता था. और कौशल वोरा वही है जो देश भर में एक लाख नकली रेमडेसिविर इंजेक्शंस सप्लाई करने के इस रैकेट में मुख्य आरोपी के तौर पर उभरकर सामने आया है.
कौशल वोरा की सूरत स्थित फर्म को रायपुर के दवा व्यापारी ने रेमडेसिविर के 200 इंजेक्शन ऑर्डर किये थे. इसके लिए व्यापारी ने उसे पहली बार 4 लाख रुपये और दूसरी बार 2 लाख 80 हज़ार एडवांस राशि ई पेमेंट की ज़रिये भेज दी थी. लेकिन ये माल छत्तीसगढ़ पहुंच पाता उससे पहले ही 1 मई को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रैकेट का भंडाफोड़ हो गया. पता चलते ही दवा व्यापारी ने अपनी और से एक कंप्लेंट थाने में दर्ज कराई.
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