नई दिल्ली : कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों को भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की ओर से बड़ी राहत मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IRDAI ने बीमा कंपनियों को कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित किसी भी स्वास्थ्य बीमा दावे (Health Insurance Claim) को 60 मिनट यानी 1 घंटे के अंदर निपटाने का निर्देश दिया है. बता दें कि पिछले हफ्ते भारत के बीमा क्षेत्र (Insurance Sector) के नियामक ने सामान्य और स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) कंपनियों को कोविड-19 (COVID-19) के इलाज के लिए कैशलेस सुविधा उपलब्ध नहीं कराने पर अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद IRDAI ने यह निर्देश जारी किया है.
एक सर्कुलर में इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कहा था कि वे अपने समझौते के अनुसार कैशलेस सुविधा से वंचित करने वाले अस्पतालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें. कैशलेस सुविधा का मतलब बीमाकर्ताओं द्वारा अस्पताल के बिलों का प्रत्यक्ष निपटान है. आईआरडीएआई ने कहा था कि सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे सभी नेटवर्क प्रदाता अस्पताल पॉलिसी लेवल के किसी भी इलाज के लिए कैशलेस सुविधा का विस्तार करें, जिसमें सर्विस लेवल एग्रीमेंट के नियमों और शर्तों के अनुसार कोविड-19 (Covid-19) उपचार शामिल है. गौरतलब है कि कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर में देश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है.
बता दें कि अस्पतालों में बेड्स, आईसीयू और ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है. तो वहीं कोरोना (COVID-19) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमेडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के कालाबाजारी की खबरें भी सामने आई हैं. इसके अलावा देश के कई हिस्सों में अस्पताल लोगों को हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ नहीं दे रहे हैं. इन तमाम बातों के सामने आने पर केंद्र सरकार एक्शन में आ चुकी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने IRDAI के चेयरमैन एससी खुंटिया (SC Khuntia) से बात की थी. अब अगर अस्पताल आपको कैशलेस इंश्योरेंस होने के बावजूद कैशलेस सुविधा नहीं दी तो अब इस पर एक्शन होने की उम्मीद है.
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