संत नगर। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उस व्यक्ति को जिला प्रशासन के स्वास्थ्य अमले द्वारा सीधे अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है और वहां पर उसके परिजनों के मिलने की अनुमति नहीं होती है। ऐसी स्थिति में पेशेंट के परिजनों को भी यह पता नहीं चलता है कि इलाज किस तरह हो रहा है पेशेंट की मृत्यु होने पर उसे अंतिम संस्कार हेतु शव भी नहीं दिया जाता है और न ही शव को पूरी तरह दिखाया जाता है। ऐसी स्थिति में पेशेंट के परिजनों के मन में कई सवाल उठते हैं और महाराष्ट्र के गोराई क्षेत्र में कोरोना मरीज से घटित घटना ने आम लोगों का विश्वास खत्म कर दिया। इस घटना में कुछ भ्रष्ट मेडिकल लोगों ने मृतक के शव से कई अंग गायब कर दिए थे।
संत नगर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं सिंधी पंचायत के वरिष्ठ पदाधिकारी रमेश भंभानी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि अस्पताल में भर्ती हर करोना पेशेंट की वीडियो कॉन्फ्रेंस उसके परिजनों से करवाई जाए। अगर पेशेंट बोलने की स्थिति में नहीं है तो वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसके परिजनों को सारा दृश्य दिखाया जाए। अगर पेशेंट की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को ट्रांसमेसी बैग में पैक कर उनके परिजनों को दिखाकर फिर उनकी उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार करवाया जाए तथा डेथ सर्टिफिकेट के साथ उसकी की गई सभी जांचो तथा इलाज के पर्चे भी उसके परिजनों को दिए जाए।
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