नई दिल्ली। देश की राजधानी भले ही कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर से जूझ रही है, मगर लॉकडाउन का कोई प्लान नहीं है। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को साफ कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। जैन ने कहा, “दिल्ली में फिर से लॉकडाउन नहीं लगेगा। मुझे नहीं लगता कि अभी ये प्रभावी कदम साबित होगा। सबका मास्क पहनना ज्यादा फायदेमंद है।” उन्होंने कहा कि कोविड की तीसरी लहर खत्म हो गई है। दिल्ली में रविवार को कोविड-19 के 3,235 नए मामले सामने आए। अब राजधानी में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़कर 4.85 लाख से अधिक हो गई। इस दौरान 95 और मरीजों की संक्रमण से मौत हो जाने से मृतक संख्या बढ़कर 7,614 हो गई।
केंद्रीय गृह मंत्री ने की मीटिंग, दिए निर्देश
दिल्ली के हालात पर रविवार को गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई थी। एक उच्च स्तरीय बैठक में 12 बड़े निर्देश जारी किए गए। इस बैठक में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शामिल हुए। इसमें आरटीपीसीआर की जांच को दोगुना करने का निर्णय हुआ। जब दिल्ली में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी की बात सामने आई तो उन्होंने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) से अतिरिक्त डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था का फैसला हुआ। उन्हें शीघ्र ही एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जाएगा।
केंद्र सरकार देगी दिल्ली को 750 ICU बेड
गृह मंत्री से मुलाकात के बाद दिल्ली सरकार ने बताया कि राजधानी दिल्ली में अब प्रतिदिन 1.25 लाख लोगों की कोरोना जांच की जाएगी। केजरीवाल ने कहा, “दैनिक कोविड-19 परीक्षणों की संख्या बढ़ाकर 1 लाख से 1.25 लाख की जाएगी। केंद्र ने 750 आईसीयू बेड का आश्वासन दिया है जिन्हें डीआरडीओ केंद्र में उपलब्ध कराया जाएगा।” सीएम केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि वे मामलों में वृद्धि को देखते हुए राजधानी में केंद्रीय सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में कोविड -19 बिस्तर क्षमता बढ़ाएं।
पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के मरीजों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बेड दो सप्ताह के लिए आरक्षित करने की अनुमति दे दी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए हाइकोर्ट ने कानूनी रोक को हटाते हुए यह आदेश दिया है। रविवार तक 16,641 कोविड बेड पूरी दिल्ली के अस्पतालों में हैं। इसमे 5451 बेड दिल्ली सरकार के अस्पतालों में है, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में 3721 बेड हैं और शेष बेड अन्य अस्पतालों से उपलब्ध कराए गए हैं।
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