नई दिल्ली। कुछ राज्यों में कोरोना के बढ़ते प्रसार से केंद्र सरकार चिंतित है। इन राज्यों में हालात बिगड़ने से पहले पर्याप्त कदम उठाने और जिन राज्यों में अब तक हालात ठीक हैं, वहां आगे भी चीजें नियंत्रित रहे, इसके लिए नई रणनीति पर काम हो रहा है। इसके लिए अलग-अलग मॉडल का सहारा लिया जा रहा है। मालूम हो कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों समीक्षा मीटिंग में दिल्ली मॉडल को आसपास के राज्यों को अपनाने को कहा था। पीएम मोदी ने कहा था कि आक्रामक टेस्टिंग और कंटेनमेंट जोन बनाकर कोरोना को रोकने की रणनीति कारगर साबित हो रही है। सूत्रों के अनुसार प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ पीएम मोदी अलग-अलग मीटिंग भी कर सकते हैं।
शुरू में ऐसी खबरें आई थीं कि पीएम मोदी एक बार फिर सभी सीएम के साथ मीटिंग कर सकते हैं। हालांकि पीएमओ सूत्रों के अनुसार अब हर राज्य की अलग-अलग स्थिति है। ऐसे में एक साथ अब कॉमन रणनीति काम नहीं आ सकती है। सभी सीएम के साथ अलग-अलग मीटिंग और समीक्षा का दौर अगले हफ्ते से शुरू हो सकता है। सबसे अधिक चिंता पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर भी है। बिहार,पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में नए केसों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, तो वहां बाढ़ की विभीषिका भी गंभीर है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईसीएमआर के तीन अत्याधुनिक लैब का उद्घाटन करेंगे। ये लैब नोएडा, कोलकाता और मुंबई में खुलेंगी। इस मौके पर इन तीनों राज्य के सीएम भी मौजूद रहेंगे। इस मौके पर पीएम मोदी कोरोना से निबटने की नई रणनीति के बारे में संकेत दे सकते हैं। दरअसल भारत उन चंद देशों में शामिल है, जो वैक्सीन निर्माण के रेस में शामिल है। पीएम मोदी खुद इस प्रक्रिया को मॉनिटर कर रहे हैं और अब तक इस बारे में दो समीक्षा मीटिंग भी कर चुके हैं।
आज पीएम मोदी ‘मन की बात’ के अपने रेडियो के कार्यक्रम के जरिए देश से संवाद करेंगे। इसमें वह 31 जुलाई के बाद अनलॉक की प्रक्रिया किस तरह आगे बढ़ सकती है, उस बारे में संकेत दे सकते हैं। मालूम हो कि अनलॉक की प्रकिया के बीच मिश्रित परिणाम मिले हैं। एक ओर जहां संक्रमण की संख्या बढ़ी है, तो दूसरी ओर आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में संतुलन किस तरह बनेगा, उस बारे में पीएम मोदी बता सकते हैं।
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