नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखकर भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं। कोई मास्क नहीं लगा रहा है तो, कोई सामाजिक दूरी के नियम तार-तार कर रहा है। लोग समझ रहे हैं कि कोरोना से कुछ नहीं होगा। शायद इसीलिए दिल्ली में रोजाना दैनिक मामलों में चार से पांच हजार तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
खास बात यह है कि संक्रमण की चपेट में आ रही आबादी में अधिकांश लोग वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं। किसी न किसी के संपर्क में आने के बाद इनकी भी एंटीजन या आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव मिल रही हैं। यह जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट में मिली है।
लोकनायक सहित कई अस्पतालों से प्राप्त ब्योरे के आधार पर यह समीक्षा की गई है कि शायद टीकाकरण की वजह से अधिकांश संक्रमितों में लक्षण हल्के या न के बराबर दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, विभाग का यह भी मानना है कि वर्तमान स्थितियों को देखते हुए यह सिर्फ एक अनुमान है। इस तरह की रिपोर्ट आगामी दिनों में और सामने आएंगी, ताकि यह पता चल सके कि संक्रमण आबादी में किस तरह असर दिखा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में 55 फीसदी से ज्यादा संक्रमित वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं। अस्पतालों में भी कुछ मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। अभी तक जो साक्ष्य सामने आ रहे हैं उससे यही कहा जा सकता है कि टीकाकरण की वजह से ही 95 फीसदी तक मरीजों में संक्रमण का असर हल्का या फिर एक भी लक्षण नहीं मिल रहा है।
भविष्य में कुछ भी हो सकता है…
अधिकारी ने बताया कि गिनती के कुछ ही लोग हैं जिनमें संक्रमण का असर गंभीर है और उनकी आयु 60 वर्ष के आसपास है। ऑक्सीजन थेरेपी पर अधिकतर मरीजों की आयु 45 से 60 वर्ष के बीच है। हालांकि, भविष्य के बारे में किसी को कुछ नहीं पता है। इसलिए लोगों को बचाव जरूर रखना है। अभी की स्थिति हल्की हो सकती है, लेकिन आगे कुछ भी हो सकता है। जब साल 2020 में कोरोना पहली बार आया था तब भी इस तरह की स्थिति देखने को मिली थी, परंतु बाद में भयावह हालात भी देखने को मिले।
एक सप्ताह में निगेटिव हो रहे मरीज
रिपोर्ट में लोकनायक अस्पताल में 105 मरीजों पर हुए प्रारंभिक अध्ययन का भी जिक्र है। इसमें बताया गया है कि संक्रमण के मामले काफी बढ़ रहे हैं लेकिन लोगों को इतना जोखिम नहीं है। संक्रमण की चपेट में आने के बाद ज्यादातर यानी 93 फीसदी मरीज एक सप्ताह में ही निगेटिव मिल रहे हैं। इनकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। केवल एक से दो फीसदी मरीज हैं जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी है, उनमें संक्रमण का असर एक सप्ताह से अधिक समय तक देखने को मिल रहा है। तीन फीसदी रोगी ऐसे भी हैं, जिनमें संक्रमण 10 दिन तक देखने को मिला है।
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