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    कोरोना खत्म… अब विस्तार पर आरएसएस का फोकस, सौवीं सालगिरह मनाने की तैयारी में लगा संघ

    March 07, 2022

    • मप्र सहित देश भर में शाखाएं दोगुनी करने का लक्ष्य

    भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक गतिविधियां करीब दो साल तक ठप रही। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियां भी रूकी रहीं। लेकिन अब कोरोना लगभग खत्म हो गया है। इसलिए संघ का फोकस शाखाओं के विस्तार पर है। दरअसल संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। संघ ने मप्र सहित देश भर में शाखाएं दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। 10 मार्च को 5 राज्यों के चुनावी नतीजों के ठीक एक दिन बाद 11 मार्च से अहमदाबाद के कर्नावती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 3 दिनों की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक शुरू हो रही है। बैठक 13 मार्च तक चलेगी और इसमें बीते साल के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और साथ ही आने वाले साल भार की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। हाल ही में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने भी देश में शाखाओं की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। 2025 में संघ की 100 वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखकर इसे एक अभियान की तरह शुरू किए जाने की तैयारी की गई है। देश में अभी संघ की करीब 55 हजार शाखाएं संचालित हैं इन्हें बढ़ाकर एक लाख किए जाने का टारगेट रखा गया है।


    एक साल देरी से शुरू होगी योजना
    संघ के सूत्रों के मुताबिक ये योजना पिछले साल मार्च में शुरू करनी थी, लेकिन कोरोना के कारण देर हुई। संघ के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि इससे संघ की पहुंच भी बढ़ेगी और साथ ही लोगों का संघ तक पहुंचने भी आसान हो जाएगा। गौरतलब है कि मप्र सहित देश के अन्य राज्यों में भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं की घटती संख्या से संघ चिंतित हो गया है। प्रदेश में कोविड के दो साल के दौरान शाखाएं नहीं लगीं, अब इन्हें नए सिरे से और बढ़ी हुई संख्या के साथ शुरू करने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके अलावा इस बात पर भी मंथन किया जा रहा है कि युवा पीढ़ी को संघ के प्रति कैसे आकर्षित किया जाए।

    मप्र में 10 हजार शाखाएं लगाने का लक्ष्य
    अहमदाबाद में होने वाली संघ की प्रतिनिधि सभा में भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होने की संभावना जताई जा रही है। कोरोना के पहले मप्र के सभी जिलों में संघ की करीब 5 हजार शाखाएं लग रही थीं। कोरोना महामारी के कारण ज्यादातर शाखाएं नहीं लग पाईं। वर्चुअल तौर पर जागरण अभियान के तहत योग- ध्यान से जुड़ी संघ की अन्य गतिविधियां चलाई गईं। अब नए सिरे से शाखाएं पुन: शुरू करने की कवायद तेज हो गई है। संघ के सूत्रों का कहना है कि कोरोना की तीव्रता कम होने के साथ ही शाखाएं पुन: लगने लगी हैं लेकिन संख्या में अभी कमी है। संख्या बढ़ाने को लेकर सभी प्रांतों को नए सिरे से टारगेट दिए जाने की तैयारी चल रही है। यह भी दावा किया जा रहा है कि धीरे-धीरे पुन: सभी शाखाएं पहले की तरह लगने लगेंगी। मप्र में करीब 10 हजार शाखाएं लगाने का लक्ष्य की योजना पर विचार विमर्श किया जा रहा है।

    बौद्धिक गतिविधियों पर ज्यादा ध्यान
    राज्यों के प्रवास के दौरान संघ प्रमुख इस संबंध में अपनी आंतरिक बैठकों में पहले ही कह चुके हैं कि संघ का काम अब दो श्रेणियों में होगा। सगठन श्रेणी और जागरण श्रेणी। इसमें संगठन के कार्यकर्ताओं को शाखाओं पर फोकस करने को कहा गया है। यह भी देखने को कहा है कि शाखाओं में शारीरिक के साथ बौद्धिक गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाए जिससे की नए लोग आकर्षित हो सकें। बताया जाता है कि संघ ने पूर्वोत्तर राज्यों में संगठन का नेटवर्क बढ़ाने की योजना बनाई है। शाखाएं शुरू करके इसकी शुरुआत की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, वनवासी कल्याण आश्रम, विद्या भारती, आरोग्य भारती और भारतीय जनता पार्टी सहित संघ के सभी अनुषांगिक संगठनों को भी शाखाओं की संख्या बढ़ाने के साथ नए लोगों को जोडऩे को कहा गया है।

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