नई दिल्ली: कुछ देशों को छोड़कर अब कोविड के मामले लगातार कम हो रहे हैं. संक्रमितों की संख्या घटते देख अब देश की सरकारों ने भी इससे जुड़े नियमों में बदलाव शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में जर्मनी ने एक बड़ा फैसला किया है. अब वहां कोरोना टेस्टिंग को लेकर एक नया नियम लागू हो गया है. इसके तहत जर्मनी में अब ज्यादातर कोविड-19 जांच मुफ्त नहीं होंगी. रिपोर्ट के अनुसार, 5 साल से कम उम्र के बच्चों, जिन लोगों को चिकित्सा कारणों से टीका नहीं लगाया जा सकता है और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए अब भी कोरोना की जांच फ्री रहेगी.
सरकार ने कहा, वहन नहीं कर सकते इसका खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े इनडोर कार्यक्रमों में भाग लेने वाले लोगों के साथ-साथ 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गो के संपर्क व्यक्तियों और उच्च जोखिम वाले समूहों के लोगों को अब प्रति टेस्ट 3 यूरो (3.13 डॉलर) का भुगतान करना होगा. स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लॉटरबैक ने पब्लिक प्रसारकों जेडडीएफ को बताया कि, “कोविड टेस्ट काफी कीमती है औऱ महत्वपूर्ण है. मैं टेस्टिंग को पूरी तरह से फ्री में देना जारी रखता, लेकिन अब इसे मुफ्त में देना सरकार वहन नहीं कर सकती है.”
ठंड में केस बढ़ने की आशंका
लुटेरबैक के अनुसार, टेस्टिंग पर हर महीने करीब 1 बिलियन यूरो खर्च हो रहा है. ठंड में कोरोना के मामलों के बढ़ने की आशंका के साथ सरकार के लिए टेस्टिंग के खर्चो को वहन कर पाना आर्थिक रूप से असंभव है. रॉबर्ट कोच इंस्टिट्यूट (आरकेआई) के संक्रामक रोगों के अनुसार, ओमिक्रॉन बीए-5 पिछले सप्ताह जर्मनी में पूरी तरह फैल गया था. जर्मनी में अब तक कोरोना के कुल 2,82,93,960 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 1,41,189 की जान जा चुकी है.
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