इंदौर। शहरभर में अवैध सब्जी मंडी और ठेले लग रहे हैं, वहीं निगम ने भी अपनी जब्ती और चालानी की मुहिम ठप कर दी, क्योंकि दो दिन पहले अंडे के ठेले के मामले में जमकर विरोध हुआ, जिसके चलते अब शहर में कोरोना संक्रमण अगर फैलता है तो नेताओं से लेकर सोशल मीडिया के वे बयान बहादुर जिम्मेदार रहेंगे। जो आए दिन कार्रवाई करने की बात भी कहते हैं। जहां रोजाना 1200 से अधिक चालान निगम बना रहा था, वहीं कल उसने कोई कार्रवाई नहीं की और गिनती के 8-10 चालान ही बनाए।
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कहते हैं कि मास्क और फिजीकल डिस्टेंसिंग भीड़ लगाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए, वहीं क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से लेकर शहर के सभी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने भी बार-बार यही कहा कि प्रशासन-निगम सख्ती करें, ताकि शहर फिर से संक्रमण की चपेट में ना आए, लेकिन फिजूल के एक मुद्दे को तिल का ताड़ बनाने और सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक जानकारी फैलाने के चलते अब सबको संक्रमण फैलाने की छूट मिल गई, जिसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ेगा। निगम का कहना है कि उसने संक्रमण काल में जनता की सेवा की। सफाई से लेकर घर-घर राशन और सब्जियां तक पहुंचाई है।
जरा-सी छूट मिली तो दुकान के बाहर ग्राहक भी बैठाने लगे
कल निगम ने चालान की कार्रवाई क्या बंद की, नाश्ते और चाय की दुकानों के बाहर ग्राहकों को बैठाया जाने लगा। एक दुकान पर तो बाकायदा ग्राहकों के लिए कुर्सी लगा रखी थी, जैसा आम दिनों में होता है।
कोरोना के संक्रमण की गंभीरता का अंदाजा दुकानदार नहीं लगा पा रहे हैं और जिस तरह से लापरवाही के कारण कोरोना मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है, उसको देखते हुए ये लापरवाही भारी पड़ सकती है। लोग अपने काम-धंधे से दूर नहीं हो इसको लेकर प्रशासन ने लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया है, जबकि दूसरे शहरों में लॉकडाउन शुरू कर दिया है। निगम को भी अभी जब्ती की कार्रवाई करने से मना किया है। हालांकि कल निगम ने चालानी कार्रवाई भी नहीं की। इसी छूट का गलत फायदा दुकान वालों ने उठाया। पाटनीपुरा के पास तो राजू सागर ज्यूस सेंटर पर ग्राहकों को बैठाकर ज्यूस और नाश्ता परोसा जा रहा था। यही नहीं मालवा मिल चौराहे के पास चाय की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही थी और निगम के अधिकारी मालवा मिल चौराहे पर खड़े हुए थे।
वीडियो में लड़का खुद कबूल कर रहा है, मगर ठेला पलटाने का इल्जाम लगा पीली गैंग पर
सोशल मीडिया पर किस तरह नेरेटिव सेट कर बदनाम किया जा सकता है उसका एक और उदाहरण अंडे के पलटे ठेले के मामले में नजर आया। एक भी वीडियो या फोटो नहीं है, जिसमें निगम के कर्मचारी ठेला पलटाते नजर आ रहे हों। उल्टा लड़का एक वीडियो में लड़का खुद कबूल कर रहा है कि निगम की टीम को देखकर वह भगा, उस चक्कर में अंडे फूट गए। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने भी स्पष्ट कहा कि जितने भी वीडियो सामने आए उसमें किसी में भी निगमकर्मी ठेला पलटाते नजर नहीं आ रहे हैं। दूसरी तरफ सोशल मीडिया और परम्परागत मीडिया में भी निगम की पीली गैंग को इसका जिम्मेदार बता दिया गया। हालांकि सभी को गरीबों के साथ सहानुभूति है, लेकिन मीडिया के लोगों के साथ-साथ सारे जनप्रतिनिधि यही मांग करते रहे कि कोरोना संक्रमण ना फैले इसके लिए सख्ती की जाए।
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