भोपाल। मप्र के शहरों में हाहाकार मचा रहा कोरोना संक्रमण (Corona infection) अब यहां के गांवों में पहुंच गया है। प्रदेश के 54,903 गांवों में से अधिकांश में प्रवासी श्रमिकों और कुंभ से आने वालों के माध्यम से कोरोना (Corona) पहुंच गया है। गांवों में कोरोना संक्रमण (Corona infection) बढ़ते ही सरकार (Government) सतर्क हो गई है। सरकार ने गांवों में कोरोना संक्रमण (Corona infection) को रोकने की जिम्मेदारी फिलहाल पुलिस (Police) को दी है।
गौरतलब है कि शहरों में कोरोना संक्रमण (Corona infection) आउट ऑफ कंट्रोल (Out of control) होते ही गांवों ने स्वप्रेरणा से जनता कर्फ्यू (Curfew) लगाना शुरू कर दिया है। अभी तक करीब प्रदेश के 22,816 ग्राम पंचायतों में से 12,572 ग्राम पंचायतों ने स्व-प्रेरणा से जनता कर्फ्यू (Jantra Curfew) लागू लगा दिया गया है। लेकिन जनता कर्फ्यू (Jantra Curfew) लगाने में देरी हो गई है। इस कारण कोरोना (Corona) गांवों में पहुंच गया है। पिछले एक महीने में यानी 22 मार्च से 22 अप्रैल के बीच कोरोना (Corona) के कंफर्म मरीजों की संख्या में छोटे जिलों में सामने आए केस 34.64 फीसदी से बढ़कर 53.55 फीसदी पर आ पहुंचा है। यानी सिर्फ एक महीने में ही संक्रमण (Infection) की रफ्तार इन जिलों में 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
एक दिन में बढ़े सवा तीन हजार कोरोना संक्रमित
पंचायतों से शासन तक पहुंची 22 अप्रैल की रिपोर्ट के मुताबिक कुल संभावित संक्रमित लोगों की संख्या 7021 थी जो 24 घंटे के अंतराल में 23 अप्रैल को बढ़कर 1038 हो गई। यानी एक दिन में 3327 कोरोना संक्रमित बढ़े हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या बालाघाट जिले में सामने आई है। यहां चौबीस घंटे पहले 1309 संक्रमित थे जो शाम तक की स्थिति में 1802 तक पहुंच गए हैं। इसी तरह बैतूल में 24 घंटे में संक्रमितों की संख्या 476 से बढ़कर 726, सिवनी में 395 से बढ़कर 503, छिंदवाड़ा में 291 से बढ़कर 342, धार में 241 से बढ़कर 299, बड़वानी में 227 से बढ़कर 349, सीधी में 309 से बढ़कर 379, इंदौर में 205 से बढ़कर 395, जबलपुर में 199 से बढ़कर 326 पहुंच गई है।
संक्रमण स्तर में ऐसे आया उछाल
वहीं बड़े शहरों वाले जिले जैसे भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन की हिस्सेदारी रोजाना के हिसाब से 65.36 फीसदी से घटकर 46.45 फीसदी पर आ पहुंची है। 22 मार्च को प्रदेश के 5 जिले अलीराजपुर, होशंगाबाद, निवाड़ी, शाजापुर और टीकमगढ़ में एक भी कंफर्म केस नहीं मिला था। 10 से कम केस वाले जिलों की संख्या भी 30 थी, जबकि 22 अप्रैल तक प्रदेश में ऐसा एकमात्र जिला अनूपपुर है, जहां एक दिन में 10 से कम केस सामने आए हैं।
यहां सबसे कम और यहां सबसे ज्यादा
अब तक प्रदेश में सबसे अधिक 2.2 फीसदी की मृत्युदर प्रदेश के दमोह और खंडवा जिजे में देखने को मिली है। यहां स्वास्थ्य सुविधाएं भी चुनौती बनी हुई हैं। वहीं, 90 फीसदी सबसे अधिक रिकवरी रेश्यो वाला जिला प्रदेश का नरसिंहपुर है। जबकि, इस अवधि में सबसे कम 57.1 फीसदी रिकवरी रेश्यो वाला जिला टीकमगढ़ है।
इन जिलों में तेजी से बढ़े केस
नहीं, बात करें प्रदेश के बड़े शहरों से सटे छोटेे जिलों की, तो यहां कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं। सिर्फ एक माह के अंतराल में जहां इंदौर में पांच गुना केस बढ़े हैं, वहीं इससे लगे धार जिले में ये 32.5 गुना बढ़ा (केस 6 से 195 पहुंचे)। वहीं भोपाल से लगे सीहोर (आठ से 198 केस) में ये 24.75 गुना बढ़ा है। ग्वालियर से सटे मुरैना में इसकी रफ्तार (1 से 186 केस) यानी 186 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं, उज्जैन से लगे आगर मालवा में (2 से 61) यानी यहां भी 30 फीसदी से अधिक संकरमण की
रफ्तार बढ़ी है।
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