इन्दौर। कोरोना अस्पताल इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में पहले डॉक्टर और नर्स के पॉजिटिव होने के बाद अब सफाई और एचआर सुपरवाइजर पॉजिटिव निकले हैं। चारों को इलाज के लिए अस्पताल में ही भर्ती किया गया है। बाकी को 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया गया है।
हालांकि जो डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पॉजिटिव निकले थे वे स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन अचानक 4 और के पॉजिटिव आने के बाद स्टाफ में दहशत है। हॉस्पिटल के एडिशनल डायरेक्टर आरसी यादव ने बताया कि इनमें हाउसकीपिंग के कर्मचारी व एक सफाई कर्मियों का सुपरवाइजर है। इन लोगों का वार्ड में आना-जाना होता है और संभवत: ये वहीं से संक्रमित हुए हैं। इसी के साथ एचआर विभाग का सुपरवाइजर भी संक्रमित हुआ है। इनके पास ड्यूटी समाप्त होने के बाद डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने आते थे। इन चारों के संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को भी 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन कर दिया गया है। सभी को 7-7 दिन के लिए ड्यूटी पर लिया जाता था। इनके स्थान पर दूसरों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी
शहर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज ने कोरोना की एक जैनरिक दवा का निर्माण कर उसके क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी ली है। यह प्रदेश का पहला ऐसा मेडिकल कॉलेज है, जिसके रिसर्च सेंटर ने कोरोना के लिए जैनरिक दवा के उत्पादन का दावा किया है। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की डॉ. नेहा जायसवाल ने 8 जून को ही इस जैनरिक दवा को कोरोना के लिए सुरक्षित मानते हुए इसके क्लिनिकल ट्रायल का प्रस्ताव भेजा था। अस्पताल का दावा है कि यह दवा वायरस के खिलाफ शारीरिक क्षमता को मजबूत बनाकर उसकी मारक क्षमता तथा समयसीमा कम करने में सहायक हो सकती है। आपातकालीन स्थिति व सस्ते व सुरक्षित उपचार की उम्मीद में कॉलेज की वैज्ञानिक तथा एथिक्स कमेटी द्वारा 18 जून को इस रिसर्च को मंजूरी दी गई। तत्पश्चात भारत सरकार के क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया ने 28 जून को क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति प्रदान की। यह प्रोजेक्ट इंडेक्स कॉलेज के तीन प्रमुख विभागों के प्रमुख, मेडिसिन से डॉ. सुधीर मौर्य, फार्माकोलॉजी से डॉ. प्रेम न्याती तथा माइक्रोबायोलॉजी से डॉ. हर्षदा शाह के मार्गदर्शन में होगा।
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