कोरोना वायरस (corona virus) श्रवण संबंधी समस्याओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यहां तक कि यह वायरस कोरोना संक्रमित व्यक्ति को बहरा भी बना सकता है। एक नए शोध में इसका खुलासा हुआ है। नए अध्ययन में पता चला है कि वायरस कान के भीतरी हिस्से को संक्रमित (infected) कर सकता है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) और मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर के शोधकर्ताओं ने ऐसे 10 कोविड-19 मरीजों को देखा, जो कान से संबंधित बीमारियों से परेशान थे।
शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस कान के आंतरिक कोशिकाओं, विशेष रूप से बालों की कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है। इस वजह से सुनने और संतुलन की समस्या हो सकती है। कोरोना से संक्रमित लोगों ने कम सुनाई देना, टिनीटस, चक्कर आना और संतुलन जैसी दिक्कतों के बारे में बताया था।
सुनने की क्षमता पर हमला
शोध के सह लेखक डॉ. कोन्स्टेंटिना स्टैंटोविक और डॉ. ली घेरके ने यह पता लगाने की कोशिश की कि क्यों वायरस और हेपेटाइटिस जैसी बीमारी महामारी आने से पहले सुनने की क्षमता पर हमला करता था। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि मार्च, 2020 में कोरोना से संक्रमित लोगों में बहरापन, चक्कर आना या टिनीटस जैसी समस्या देखने को मिली। मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर में ओटोलॉजी और न्यूरोटोलॉजी के पूर्व प्रमुख और ओटोलरींगोलॉजी-हेड और विभाग के वर्तमान अध्यक्ष स्टैंटोविक ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि यह बीमारी संयोगवश हुआ या नहीं।
टिनीटस :
टिनीटस कानों से संबंधित एक बामारी है। इस परिस्थिति में कान में कुछ बजते रहने की आवाज आती है। ऐसा लगता है कि जैसे कोई सीटी बज रही है या फिर कुछ अलग तरह का शोर मच रहा है। कानों से संबंधित यह भयावह बीमारी है, इस दौरान कानों में तेज दर्द शुरू हो जाता है और इसका असर मस्तिष्क पर भी पड़ता है। कोविड के मरीजों में यह भी देखने को मिल रहा है।
चक्कर आना :
चक्कर आना, उल्टी होना, जी मिचलाना ये कोई कोरोना वायरस के क्लासिक लक्षण नहीं हैं। चक्कर आने पर जब व्यक्ति घूमने जैसा महसूस कर रहा हो तो इसका असर कान पर हो सकता है। ऐसे में आपको कोरोना के इस लक्षण से भी सजग रहने की आवश्यकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved