नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना का संक्रमण पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से जारी है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में पोस्ट कोविड से जुड़ी तमाम तरह की जटिलताओं के मामले सामने आ रहे हैं। पोस्ट कोविड सिंड्रोम में फेफड़े और हृदय जैसे अंगों को प्रभावित करने के साथ कोरोना का संक्रमण कई अन्य समस्याओं का भी कारण बनता हुआ देखा जा रहा है। कोरोना के संक्रमण के दौरान संक्रमितों में स्वाद-गंध न आने की समस्या को मुख्य लक्षणों के रूप में देखा जा रहा था, हालांकि पोस्ट कोविड सिंड्रोम में कुछ लोगों को इससे संबंधित अजीबो-गरीब समस्याएं हो रही हैं।
हाल ही में सामने आई रिपोर्टस के मुताबिक कोरोना से ठीक हो चुके कुछ लोगों को चीजों से अलग तरह की गंध और स्वाद आने की समस्या हो रही है। रिपोर्टस के मुताबिक पोस्ट कोविड की इस समस्या में कुछ लोगों को प्याज से सड़े अंडे की बदबू, कॉफी से सड़े हुए मीट, प्याज और लहसुन के स्वाद आने की समस्या हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक इस समस्या को मेडिकल की भाषा में पैरोस्मिया के नाम से जाना जाता है। पैरोस्मिया की शिकायत पहले भी लोगों को होती रही है, हालांकि कोरोना के बाद इन मामलों में अचानक से वृद्धि देखने को मिल रही है। आइए आगे की स्लाइडों में इस समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।
चीजों से अलग गंध और खुशबू आने की समस्या
दुनिया के कई देशों से सामने आ रही रिपोर्ट्स में इस तरह के मामलों की खबरें सामने आ रही हैं। हाल ही में न्यूयार्क पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट में एक अमेरिकी महिला ने ब्रश करते समय प्याज और लहसुन की बदबू आने की शिकायत की। पहले उन्हें लगा कि यह समस्या ब्रश या टूथपेस्ट में खराबी के कारण आ रही है, हालांकि दोनों को बदलने के बाद भी जब समस्या बनी रही तो उन्होंने इस बारे में डॉक्टर से सलाह ली, जिसमें पैरोस्मिया की समस्या का निदान किया गया।
कोविड-19 और पैरोस्मिया की समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है, कोविड-19 रिकवरी के बाद पैरोस्मिया के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों को कोरोना संक्रमण के दौरान गंध और स्वाद न आने की समस्या रह चुकी हो, उन लोगों में पैरोस्मिया का खतरा अधिक हो सकता है।
इसके अलावा उम्र और लिंग भी इसका एक कारक हो सकता है। कोविड-19 से ठीक होने के बाद पैरोस्मिया की शिकायत करने वाले 268 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इसमें 70 फीसदी लोग 30 या उससे कम आयु वर्ग के थे। वहीं महिलाओं में इस समस्या का खतरा और भी अधिक देखा गया है।
क्यों हो रही है लोगों में इस तरह की दिक्कत?
कोविड-19 के बाद पैरोस्मिया की समस्या कितनी सामान्य है, इस बारे में जानने के लिए शोधकर्ता अभी भी अध्ययन कर रहे हैं। इसी साल जून में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया 1,299 प्रतिभागियों में से 140 (10.8 प्रतिशत) को COVID-19 के बाद पैरोस्मिया की समस्याओं का अनुभव हुआ। कोरोना संक्रमण के बाद लोगों को इस तरह की शिकायतें क्यों हो रही हैं, इस बारे में जानने के लिए विशेषज्ञ अध्ययन कर रहे हैं। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोनावायरस का संक्रमण, गंध का एहसास दिलाने वाले रिसेप्टर्स और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचा रहा है, इसका एक कारण यह भी हो सकता है।
पैरोस्मिया की दिक्कत कितने समय तक रह सकती है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इंसानों में 350 से अधिक प्रकार के गंध रिसेप्टर्स होते हैं। मस्तिष्क इन रिसेप्टर्स से विभिन्न संकेतों के संयोजन के आधार पर अलग-अलग गंधों की पहचान करता है। इस प्रणाली में होने वाली किसी भी तरह की समस्या के कारण लोगों में पैरोस्मिया की समस्या हो सकती है। सामान्यत: कोविड-19 के बाद होने वाली पैरोस्मिया की समस्या समय के साथ धीरे-धीरे कम हो जाती है, हालांकि सुधार दिखने में सप्ताह या महीने लग सकते हैं।
सर्वेक्षण में 49.3 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनमें पैरोस्मिया की समस्या में सुधार होते-होते 3 महीने से अधिक का समय लग गया, शेष 50.7 फीसदी लोगों में यह दिक्कत और लंबे समय तक भी बनी रही। इसी को लेकर मई 2021 के एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोविड-19 के बाद होने वाली पैरोस्मिया की दिक्कत के ठीक होने में 9 दिनों से लेकर 6 महीने तक का समय लग सकता है।
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