नई दिल्ली। कोरोना वायरस (corona virus) के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बीच दक्षिण अफ्रीका के ओमिक्रॉन (omicron) एपिसेंटर में एक बड़े अस्पताल का शुरुआती डेटा बताता है कि यहां कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन मरीजों को गंभीर रूप से मेडिकल सहायता की कम ही जरूरत पड़ रही है।
प्रीटोरिया में द स्टीव बाइको और श्वाने जिला अस्पताल ने 14 से 29 नवंबर के बीच 166 नए मामले दर्ज किए थे, जिनमें से 42 मरीज अभी भी वॉर्ड में दाखिल हैं। साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल और स्टीव बाइको अस्पताल में इंफेक्शियस डिसीज डॉक्टर फरीद अब्दुल्लाह ने इन मरीजों में दिख रहे लक्षणों और उनकी स्थिति को बारीकी से ऑब्जर्व किया है।
नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्यूनिकेबल डिसीज(National Institute for Communicable Diseases) ने पुष्टि की थी कि एपिसेंटर में लगभग सभी नए मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variants) के हैं। हालांकि, डॉ. अब्दुल्ला और उनकी टीम अभी ये साक्ष्य नहीं जुटा पाई है कि संक्रमण (Infection) के सभी नए मामले ओमिक्रॉन वैरिएंट के हैं। डॉक्टर अब्दुल्ला ने कहा, लेकिन फिर भी एक तार्किक अनुमान लगाया जा सकता है कि इस डेटा से जुड़े मामले नए वैरिएंट के संक्रमण के हो सकते हैं।
कोविड वॉर्ड में भर्ती मरीजों में करीब 19 प्रतिशत 9 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे थे। जबकि 28 फीसद मरीजों की उम्र 30 से 39 साल के बीच थी। कोविड वॉर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में यहां किसी मरीज की मौत नहीं हुई। बता दें कि पिछले 18 महीनों में हुई कुल मौतों में बच्चों की हिस्सेदारी 17 फीसद है। बीते 18 महीनों में कोविड वॉर्ड में एडमिट रहने का औसत समय 2.8 से 8.5 दिन रहा है। अब तक यहां कुल 10 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, इन्हें ओमिक्रॉन से नहीं जोड़ा गया है। मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। अगले दो सप्ताह में चीजें काफी हद तक साफ हो जाएंगी। हालात कितने बदतर होंगे ये समझने के लिए इतना समय काफी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved