हरिद्वार। हरिद्वार में चैत्र पूर्णिमा स्नान के मौके पर महाकुंभ के अंतिम शाही स्नाम में कोरोना महामारी का असर साफ देखने को मिला। हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर सुबह चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में स्नान शुरू हो गया था। लेकिन बेहद कम संख्या में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे। अब सुबह 9 बजकर 30 मिनट से अखाड़ों का स्नान क्रम शुरू होगा। सबसे पहले पंचायती अखाड़ा और उसके बाद निरंजनी अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे।
आम श्रद्धालुओं के बाद सबसे पहले पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संतों ने स्नान किया। आराध्य देव भगवान कार्तिकेय और मां गंगा की पूजा अर्चना के बाद संतों ने गंगा में डुबकी लगई। इसके बाद संत लौट गए। संतों ने शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए स्नान किया। वहीं, इसके बाद पंचदशनाम जूना अखाड़ा, पंच अग्नि, आह्वान अखाड़ा के संत हरकी पैड़ी पहुंचे और आराध्य देव और गंगा पूजन के बाद शाही स्नान शुरू किया। हरिद्वार मेला पुलिस से जारी आंकड़ों के अनुसार, सुबह 11 बजे तक 19 हजार श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
सभी पुलिसकर्मी फेस शील्ड और डबल मास्क लगा कर ड्यूटी कर रहे
आईजी कुंभ के निर्देश के बाद आज सभी पुलिसकर्मी फेस शील्ड और डबल मास्क लगा कर ड्यूटी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि कोरोना के नए वेरिएंट के हवा से भी फैलने के बारे में सुना गया है, इसलिए ड्यूटी के दौरान पूरी सावधानी बरती जा रही है। भीड़ के इस बार कम आने की संभावना है। इसलिए स्थानीय लोगों पर अनावश्यक रूप से कोई प्रतिबंध न लगाया जाए।
पुरस्कृत होंगे पुलिसकर्मी
कुंभ मेला में बेहतर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए आईजी ने प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह पुलिसकर्मियों का नाम व उसके गुड़वर्क की सूची बनाकर उनके कार्यालय में भिजवा दें। इसके साथ ही यदि जवान को स्वास्थ्य सबंधी कोई दिक्कत हो तो उसकी ड्यूटी न लगाई जाए।
अखाड़ों के स्नान का क्रम और समय
1- श्री निरंजनी अखाड़ा
सुबह 8.30 बजे छावनी से संतों ने स्नान के लिए प्रस्थान किया। 8.45 बजे शंकराचार्य चौक, 9.15 बजे चंडी घाट चौराहा पहुंचे। 9.40 बजे रोड़ी में सामान रखा और करीब दस बजे स्नान किया।
2- जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ा
8.30 बजे संत छावनी से जाएंगे और 9.20 बजे शंकराचार्य चौराहा पहुंचेंगे। 9.50 बजे चंडी घाट चौराहा और 10.15 बजे रोड़ी में सामान रखेंगे। 10.35 बजे शॉल पुल से होकर 10.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 11.20 बजे तक स्नान करेंगे और 11.40 बजे रोड़ी छावनी में वापस लौट आएंगे। 12.15 बजे अखाड़े में चले जाएंगे।
3- महानिर्वाणी अखाड़ा
9.30 बजे संत छावनी से प्रस्थान करेंगे। 10.10 बजे शंकराचार्य चौक और 10.40 चंडी घाट पहुंचेंगे। 11.05 रोड़ी में सामान सुरक्षित रखने के बाद शॉल पुल से होकर 11.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 12.20 बजे तक स्नान करेंगे और 12.40 में रोड़ी क्षेत्र पहुंचेंगे। 01 बजे केशव आश्रम तिराहे से 1.40 बजे अखाड़े में पहुंचेंगे।
4- श्री निर्माणी, दिंगबर और निर्मोही अणि अखाड़ा
तीनों अखाड़ों के संत 10.30 बजे प्रस्थान करेंगे और 11.15 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 11.55 बजे तक रोड़ी में सामान रखेंगे और शॉल पुल होकर 12.40 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 1.30 बजे तक स्नान करेंगे और दो बजे रोड़ी पहुंचेंगे। 3.10 बजे वापस अखाड़ा पहुंचेंगे।
5- श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन
12 बजे संत प्रस्थान करेंगे और 1 बजे शंकराचार्य चौक से होकर 1.30 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 2.10 बजे रोड़ी में सामान रखने के बाद 2.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 3.20 तक स्नान करने के बाद 3.40 बजे रोड़ी पहुंचेंगे और 4.30 शंकराचार्य चौक पहुंचकर अखाड़ा जाएंगे।
6- श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन
2.25 बजे प्रस्थान करेंगे और 3.25 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 4 बजे रोड़ी से होकर 4.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 5.05 बजे तक स्थान करने के बाद 17.25 बजे रोड़ी वापस पहुंचकर 6.35 बजे अखाड़ा पहुंच जाएंगे।
7- श्री निर्मल अखाड़ा
2.15 बजे अखाड़े से प्रस्थान करने के बाद संत 3.40 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 4.20 बजे रोड़ी से होकर 5 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 5.25 बजे तक स्नान होगा और 5.50 बजे रोड़ी वापस आएंगे और 7 बजे अखाड़ा जाएंगे।
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