नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने आज संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मंत्रालय के विशेष कार्य अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि हमारा देश दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला दूसरा देश है। करीब 130 करोड़ की जनसंख्या होने के बावजूद भारत कोरोना वायरस को प्रबंधित करने में सक्षम रहा है। अगर आप प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना के मामलों को देखें तो अब भी यह दुनिया में सबसे कम है।
भूषण ने कहा, आज हमारे यहां प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण के 538 मामले हैं। यह आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी रिपोर्ट में दिए हैं। कुछ देशों में तो प्रति 10 लाख की आबादी पर कोरोना के मामलों की संख्या भारत की तुलना में 16 से 17 गुना तक ज्यादा है। हमारे यहां कोरोना से प्रति 10 लाख की आबादी पर मौत का आंकड़ा 15 है जबकि कई देश ऐसे हैं जहां यह आंकड़ा भारत की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या की बात की जाए तो यह संख्या दो लाख 69 हजार है। इससे हमें पता चलता है कि अंतत: हमने स्थिति को नियंत्रित करने में सफलता पाई है साथ ही हमारा स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ा है और यह दबाव के मारे चरमरा नहीं रहा है। मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में भारत में कोरोना से ठीक होने की दर यानी रिकवरी रेट 62 फीसदी से भी ज्यादा हो गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आईसीएमआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक निवेदिता गुप्ता ने कहा कि देश में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई गई है। औसतन देखें तो हम रोजाना 2.6 लाख नमूनों की जांच रोज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एंटीजन टेस्टिंग के इस्तेमाल से हम इसमें और बढ़ोतरी होने की उम्मीद कर रहे हैं।
वहीं, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पु्ण्य सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि आठ जुलाई तक दिल्ली में छह लाख 79 हजार 831 कोविड-19 जांच की गई हैं। इसका मतलब प्रति 10 लाख लोगों पर 35,780 जांच हुई हैं। उन्होंने कहा कि रोजाना 20 हजार से ज्यादा नमूनों की जांच की जा रही हैं।
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