नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस वैक्सीन के वितरण को लेकर उड़ रही अफवाहों पर रविवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने उड़ाई जा रही इस बात को पूरी तरह से नकार दिया कि सरकार की योजना बुजुर्गों के बजाय युवाओं को पहले कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन उपलब्ध कराने की है। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। यह पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने आगामी त्योहारों और भगवान की पूजा को लेकर भी लोगों से कोरोना वायरस को देखते हुए अपील की। उन्होंने कहा, ‘मेरा कर्तव्य है कि मैं अपने लोगों की रक्षा करूं। जीवन को बचाऊं और उन्हें खत्म न करूं। कोई भी धर्म या भगवान यह नहीं कहता है कि आपको आडंबरपूर्ण तरीके से जश्न मनाना है। अपने विश्वास को साबित करने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित होने की आवश्यकता नहीं है।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि सरकार ने अभी तक कोविड-19 वैक्सीन के लिए आपातकालीन प्राधिकरण देने पर कोई विचार नहीं किया है। इससे पहले लोगों की सुरक्षा के लिए वैक्सीन के ट्रायल के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल डाटा का इंतजार हो रहा है। जोखिम वाले समूह और संक्रमण के जोखिम वाले समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। हर्षवर्धन ने कहा कि इसकी आशंका भी हैं कि कोरोना वैक्सीन सीमित मात्रा में ही सप्लाई होंगी। भारत जैसे बड़े देश में प्राथमिकता के आधार पर ही टीकाकरण की तैयारी जरूरी है, न कि एक लाइन से सबको टीका लगा दिया जाए। हर्षवर्धन ने कहा कि कई चीजें इसलिए सुनिश्चित की जा रही हैं ताकि जब उनकी जरूरत पड़े तो कोई दिक्कत न आए।
बता दें कि इससे पहले सात अक्टूबर को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा था कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों के ठीक होने की बढ़ती दर और इलाजरत मरीजों की संख्या में लगातार आ रही कमी साबित करती है कि केंद्र सरकार के नेतृत्व में कोविड-19 पर रोक लगाने की रणनीति सफल है।
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