उज्जैन। शहर के छोटे प्रायवेट स्कूल (private school) बंद होने की कगार पर हैं। दो वर्षो से प्रवेश को लेकर चल रही मारामारी और पालकों द्वारा फीस देने में की जा रही आनाकानी के चलते छोटे प्रायवेट स्कूल संचालकों के लिए संधारण,संचालन करना मुश्किल हो रहा है। इस बीच खबर यह है कि शासकीय स्कूलों में एडमिशन बढ़ता जा रहा है।
सहायक संचालक शिक्षा अभयसिंह तोमर का कहना है कि गत वर्ष तक जिले के शासकीय स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक में जितनी संख्या थी, उतनी संख्या इस वर्ष 01 जुलाई को ही हो चुकी है। इसमें कक्षा 8 वीं से कक्षा 9वीं में आए नवीन प्रवेशार्थी भी शामिल हैं। वहीं कक्षा 11 में दिए गए प्रोविजनल एडमिशन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पालकों का रूझान इस वर्ष शासकीय स्कूलों की ओर बढ़ रहा है। अभी एडमिशन की आखिरी तारीख 15 जुलाई है। ऐसे में 25 से 50 प्रतिशत तक नए एडमिशन हो सकते हैं।
स्कूलों में लगातार एडमिशन को लेकर सतर्कता बरती जा रही है,ताकि पालक निराश होकर न लौटें। उन्होंने बताया कि अभी तक जितने एडमिशन हुए हैं, उसमें 25 प्रतिशत अन्य प्रायवेट स्कूलों से टीसी लेकर आए विद्यार्थी हैं। इससे पता चलता है कि प्रायवेट स्कूलों में इस सत्र में कम संख्या रहेगी। वहीं प्रायवेट स्कूल संचालकों के बीच चर्चा है कि प्रवेश के अभाव में कक्षाओं का संचालन मुश्किल होगा। ऐसे में कुछ स्कूल बंद होने की कगार पर चले जाएंगे।
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