इंदौर। शहर में कोरोना महामारी का कहर फिर से तेजी से पांव पसार रहा है। अभी तक 2283 इलाकों में इसने लोगों को गिरफ्त में ले लिया है। इन इलाकों में कुल 35321 लोग चपेट में आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सुखलिया में 787 मरीज हैं। दूसरे नम्बर पर सुदामा नगर है, जहां 609 संक्रमित हैं।
सुखलिया और सुदामा नगर के बाद सर्वाधिक मरीज विजय नगर और खजराना में मिले। पॉश लोकलिटी के विजय नगर में 572 तो भीड़भरे खजराना में 517, नंदानगर में 387, मालवा मिल क्षेत्र में 354 मरीज निकले। इसके अलावा स्कीम नंबर 71 में 340, स्कीम नंबर 78 में 323, परदेशीपुरा में 276, मल्हारगंज में 243, महालक्ष्मी नगर में 240, नेहरू नगर में 225, खातीवाला टैंक में 221, एयरपोर्ट रोड में 208, न्यू पलासिया में 207,भागीरथपुरा में 206 तथा द्वारकापुरी में 205 लोग चपेट में आ चुके हैं। इसी तरह राजमोहल्ला में 196, जूनी इंदौर में 186, बिचौली मर्दाना में 180, मनोरमागंज में 169, महू में 162, ओल्ड पलासिया में 161, उषानगर एक्सटेंशन में 156, साउथ तुकोगंज में 153, सिलिकॉन सिटी में 152, कालानी नगर में 147, स्नेहलतागंज में 143, तिलक नगर में 140, जूना रिसाला-सदर बाजार में 135, नौलखा में 128, चंदन नगर सेक्टर 71 में 128, राजेंद्र नगर में 127, गांधीनगर में 128, अंबिकापुरी में 124, बजरंग नगर में 118, पीपल्याहाना में 113, संगम नगर में 113, सूर्यदेव नगर में 11, श्याम नगर में 111 एवं इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में 111 संक्रमित हैं। इसके अलावा रेडक्रॉस रोड, लोकमान्य नगर, बाणगंगा, आजाद नगर एवं इंदौर में 100 से अधिक मरीज हैं।
सड़कों पर होगी ऐसी भीड़ तो कैसे रुकेगा कोरोना
दीपावली के मौके पर सड़कों पर इस कदर भीड़ उमड़ रही है कि लग ही नहीं रहा है कि देश में कोरोना का प्रकोप है या आज से आठ महीने पहले लोगों को तीन माह के लिए घरों में कैद रहना पड़ा था। जिला प्रशासन द्वारा जनता को जागरूक करने के साथ ही कोरोना को रोकने के लिए लागू की गई गाइडलाइन लोग भूल चुके हैं। भीड़ इतनी उमड़ रही है कि 2 गज की दूरी तो दूर कई लोग मास्क लगाना भी भूल गए हैं। अभी भी समय है, अगर जनता सबक नहीं लेगी तो स्थिति और विकट होने से कोई नहीं रोक सकता।
नए इलाके बचे ही नहीं, लगभग सभी इलाके कोरोनाग्रस्त
किसी समय प्रशासन की सूची में संक्रमित नए इलाकों के नाम आते थे, लेकिन अब संक्रमितों की संख्या तो आती है, पर नए इलाके नहीं आते। लोग इसे राहत की बात समझते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पूरे शहर के करीब सभी इलाके कोरोनाग्रस्त हो चुके हैं, इसलिए नए इलाके नहीं आते।
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