बर्लिन: ऑस्ट्रिया (Austria) के चांसलर एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस की चौथी लहर पर काबू पाने के लिए देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (Covid 19 Lockdown) लगाया जाएगा। शालेनबर्ग ने कहा कि लॉकडाउन सोमवार से शुरू होगा और 10 दिन के लिए प्रभावी रहेगा। इसमें छात्रों के लिए स्कूलों में क्लास नहीं लगेंगी, रेस्टारेंट और कल्चरल कार्यक्रम पर भी रोक होगी।
बच्चों को घरों में रखने की अपील
देश के स्वास्थ्य मंत्री (health minister) वोल्फगैंग म्यूकस्टीन ने बाद में कहा कि किंडरगार्टन और स्कूल उन लोगों के लिए खुले रहेंगे जिन्हें वहां जाने की जरूरत है लेकिन सभी माता-पिता से कहा गया कि अगर संभव हो तो अपने बच्चों को घर पर रखें। किंडरगार्टन खेल के जरिए छह वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा देने संबंधी एक स्पेशल फॉर्मेट है।
इस बीच सरकारी प्रसारणकर्ता ‘ओआरएफ’ की खबर के मुताबिक एक फरवरी से देश में टीकाकरण भी अनिवार्य कर दिया जाएगा। खबर के मुताबिक शालेनबर्ग ने कहा कि हम पांचवीं लहर नहीं चाहते हैं। ऑस्ट्रिया ने शुरू में केवल उन लोगों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन (nationwide lockdown) की शुरुआत की थी, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है लेकिन संक्रमण के मामले बढ़ने (increasing cases of infection) पर सरकार ने सभी के लिए इसे लागू कर दिया।
10 दिन तक चलेगा लॉकडाउन
शालेनबर्ग ने कहा कि यह बहुत दर्दनाक है। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन शुरू में 10 दिनों तक चलेगा, फिर प्रभावों का आकलन किया जाएगा और अगर वायरस के मामले पर्याप्त रूप से कम नहीं हुए, तो इसे अधिकतम 20 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है। ऑस्ट्रिया के स्पेशल केयर डॉक्टरों ने सरकार के फैसले का स्वागत किया।
‘सोसाइटी फॉर एनेस्थिसियोलॉजी, रिससिटेशन एंड इंटेंसिव केयर मेडिसिन’ के अध्यक्ष वाल्टर हसीबेडर ने ऑस्ट्रियाई समाचार एजेंसी ‘एपीए’ को बताया, ‘‘हमने संक्रमण के रिकॉर्ड आंकड़े दिन प्रतिदिन अनुभव किए हैं। अब मामलों पर काबू पाया जाना बहुत जरूरी है।’
रोज बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले
पिछले सात दिनों से देश में संक्रमण के प्रतिदिन 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। अस्पतालों में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इस महामारी से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ रही है। ऑस्ट्रिया में अब तक इस वायरस से 11,525 लोगों की मौत हो चुकी है। शालेनबर्ग ने कहा कि कई तरह के प्रयासों और कैंपेन के बावजूद कुछ ही लोगों ने वैक्सीनेशन कराने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि देश में फरवरी से टीकाकरण अनिवार्य (Mandatory Vaccination) किये जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।
चांसलर ने कहा कि आने वाले हफ्तों में विवरण को अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन जो लोग वैक्सीनेशन से इनकार करते रहे, उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
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