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    पहले हुआ कोरोना, तीन महीने बाद जब रिपोर्ट आई तो डॉक्टर भी रह गए दंग, जानें क्या है पूरा मामला

  • February 20, 2022


    नई दिल्ली: अमेरिका में एक महिला को कुछ महीने पहले कोरोना (corona) हुआ था. बाद में उसे कुछ परेशानी हुई. उसे लगा कि यह लॉन्ग कोविड के लक्षण (long covid-19 symptoms) हैं. जब परेशानी बढ़ गई तो वे डॉक्टर के पास गईं. डॉक्टर ने भी शुरू में यही कहा कि ये लॉन्ग कोविड के लक्षण हो सकते हैं लेकिन जब टेस्ट रिपोर्ट आई तो महिला और डॉक्टर दोनों के होश उड़ गए.

    दरअसल, महिला प्रेग्नेंट हो गई थीं. इतना ही नहीं प्रेग्नेंसी के कारण वह दुर्लभ समस्या से जूझ रही थी. इस समस्या में उसकी जान भी जोखिम में आ गई थी. महिला की प्रेग्नेंसी दूसरी तिमाही में पहुंच गई थी. महिला के गर्भनाल (placenta) में दुर्लभ जटिलताएं आ गई. इस स्थिति को प्लेसेंटा परक्रेटा (placenta percreta) कहते हैं. इसमें गर्भनाल खुद ही अटैच होने लगता है और यह गर्भाशय की ओर विकसित होने लगता है.

    यह मामला है अमेरिका के न्यू जर्सी शहर का जहां 36 साल की महिला जो एनी (Jo Anne McCusker) को इस परेशानी से गुजरना पड़ा. जो एनी को पहले से ही उनके पति से तीन बच्चे थे. डॉक्टर के पास जाने के बाद पता चला कि महिला के पेट में पल रहा बच्चा बेहद जटिल स्थिति में था और वह सही जगह पर भी नहीं था. महिला बेहद चिंतित रहने लगी. हालांकि महिला ने 6 जनवरी को बच्चे को जन्म दिया और अब बच्चा और मां दोनों स्वस्थ्य हैं.

    महिला की जान को जोखिम में डाल दिया था
    जो एनी ने बताया, जब मैंने यह बात सुनी तो मेरे होश उड़ गए. डॉक्टर ने भी पहले कहा कि लॉन्ग कोविड ही हो सकता है लेकिन रिपोर्ट ने सब बिगाड़ दिया. जो एनी ने इसके बाद इस स्थिति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी इकट्ठा की. उन्होंने अपने अंदर बढ़ रहे बच्चे पर अधिक ध्यान केंद्रित किया.


    हालांकि इसके बारे में जानकारी भी बहुत कम है. जो एनी का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रोफेसर डॉ सैम बेंडर (Dr. Sam Bender) ने कहा, एनी की स्थिति ने उसे बहुत जोखिम में डाल दिया था. उसे डिलीवरी के समय सही प्रक्रिया के तहत सर्जरी की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में जब डिलीवरी होती है तो मरीज को बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है. शरीर के सभी बड़े वेसेल्स से खून का बहाव होता है.

    क्या होता है प्लेसेंटा परक्रेटा
    डॉ सैम ने बताया कि प्लेसेंटा परक्रेटा बहुत ही दुर्लभ स्थिति है. 0.17 प्रतिशत प्रेग्नेंसी में एक प्रेग्नेंसी ऐसी होती है. यह उन महिलाओं में ज्यादा होने का जोखिम रहता है जिन्हें पहले सर्जरी के माध्यम से डिलीवरी हुई हो. प्लेसेंटा बच्चे के चारों ओर लिपटा हुआ एक गर्भनाल है जिससे बच्चे को पोषक तत्व और सभी सामग्री मिलती है. प्लेसेंटा परक्रेटा में प्लेसेंटा अटैच होने लगता है और यह गर्भाशय की दीवार की ओर बढ़ने लगता है.

    इससे ब्लैडर को भी नुकसान पहुंच सकता है. डिलीवरी के बाद मुश्किल और बढ़ जाती है. क्योंकि इसके बाद दो तरह की जटिलताएं आ जाती है. पहला डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा सामान्य नहीं रह पाता. दूसरा अगर इसे हटाया जाता है तो बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है. इन दोनों स्थितियों से निपटने में डॉक्टरों को भारी मशक्कत करनी पड़ती है. गनीमत रहा है कि जो एनी की डिलीवर सर्जरी के माध्यम से 6 जनवरी को हो गई और डॉक्टरों की टीम ने उन्हें इन जटिलताओं से मुक्त कर दिया.

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