AIIMS दिल्ली को मिला अप्रूवल, जल्द होगा ट्रायल
लंदन। कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए पूरी दुनिया में रिसर्च प्रोग्राम और सप्लाई चेन्स सेटअप किए गए हैं। भारत समेत कम से कम सात देशों में वैक्सीन कैंडिडेट्स का ह्यूमन ट्रायल पूरा किया जा रहा है। वैक्सीन बनाने को लेकर जो रेस चल रही है, उसमें फिलहाल ब्रिटेन, चीन, अमेरिका और रूस सबसे आगे हैं। इन देशों में अलग-अलग वैक्सीन का इंसानों पर ट्रायल ऐडवांस्ड स्टेज में पहुंच चुका है। विकसित देशों ने कई बड़ी फार्मा कंपनीज से बड़े पैमाने पर वैक्सीन बनाने के लिए सौदेबाजी भी शुरू कर रखी है। इसकी वजह से बाकी देशों में वैक्सीन उपलब्ध हो पाएगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बन गई है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca ने AZD1222 नाम वाली जो वैक्सीन तैयार की है, वह डेवलपमेंट में सबसे ऐडवांस्ड मानी जाती है। वैक्सीन के ट्रायल में शामिल रहे भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक दीपक पालीवाल ने कहा कि वैक्सीन कोरोना के खिलाफ जरूर असर करेगी। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी बोला है कि उनकी उम्मीदों से दोगुने अच्छे नतीजे आए हैं। उन्होंने सच में बेहतरीन रिजल्ट्स देखे हैं। पालीवाल ने बताया कि सभी वॉलंटिअर्स को एक नंबर दिया गया है ताकि कोई परेशानी होने पर रिसर्चर्स को बताया जा सके।
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और AstraZeneca ने मिलकर जो वैक्सीन बनाई है, उसका शुरुआती ह्यूमन ट्रायल पूरा हो गया है। फिलहाल ब्राजील में वैक्सीन का तीसरे फेज का ट्रायल चल रहा है। शुरुआती स्टेज में वैक्सीन कितनी असरदार रही, इसका पता कल चलेगा जब यूनिविर्सिटी ट्रायल का डेटा जारी करेगी।
भारत में तैयार हुई पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में ह्यूमन ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है। एथिक्स कमिटी से संस्थान को अप्रूवल मिल गया है। एम्स में फेज 1 ट्रायल के लिए कुल 100 पार्टिसिपेंट्स एनरोल किए जाएंगे। वैक्सीन के पहले ट्रायल में 375 लोगों को डोज दी जाएगी। अभी तक इस वैक्सीन का एम्स पटना और रोहतक पीजीआई में ही ट्रायल शुरू हो सका है।
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