प्रशासन ने पंचनामा बनाकर फैक्ट्री सील की और 5 नमूने भी लिए
इंदौर। प्रशासन ने शर्तों के साथ फैक्ट्रियों को अनुमति दी है। मगर इनके कर्ताधर्ता अत्यधिक लापरवाही बरत रहे हैं, जिसका उदाहरण चॉकलेट फैक्ट्री की जांच में सामने आया, जहां कोरोना को निमंत्रण देती गंदगी के साथ-साथ मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नजर नहीं आया, जिसके चलते प्रशासन ने फैक्ट्री को सील किया और निगम ने 50 हजार का जुर्माना ठोंका और खाद्य सुरक्षा महकमे ने 5 नमूने भी लिए।
कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर एसडीएम मुनीष सिंह सिकरवार, तहसीलदार सुदीप मीणा तथा तहसीलदार श्रीमती ममता पटेल सहित नगर निगम और खाद्य विभाग के अमले द्वारा उद्योग नगर पालदा स्थित एक फैक्ट्री पेपे न्यूट्रिशियन प्रायवेट लिमिटेड की जांच की गई। जांच के दौरान पाया गया की कंपनी के अधिकांश वर्करों द्वारा मॉस्क नहीं लगाया गया है और कंपनी के कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 के नियमों का उल्लघंन किया जा रहा है। अधिकांश जगह गंदगी पाई गई। गंदगी पाये जाने पर नगर निगम की टीम द्वारा 50 हजार रूपये का स्पॉट फाइन किया गया। खाद्य विभाग द्वारा विभिन्न खाद्य पदार्थों के 5 नमूने लिये गये। कंपनी में अधिकांश अनियमिताएं पाये जाने के कारण कंपनी को सील किया गया। इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। तहसीलदार मीणा के मुताबिक पूरे परिसर में गंदगी तो नजर आई, वहीं 60 से 70 लोग जो काम कर रहे थे उनमें से अधिकांश ने मास्क भी नहीं लगा रखा था और कोरोना गाइडलाइन का कहीं कोई पालन नजर नहीं आया। लिहाजा फैक्ट्री के डायरेक्टर गौरव मीरचंदानी की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर सील की गई। 5 प्रोडक्ट हॉपीन, पेपस्टीक्स, कैंडी चॉकलेट, हॉपीन मैंगो आइस्क्रीम, रीचा वीपी वनस्पति, हॉपीन एनिमल ग्लो पोप और हॉपीन ब्रीकुकी एंड क्रीम के सेम्पल खाद्य विभाग के अमले ने लिए। कम्पनी पेपे न्यूट्रीशन प्रा.लि. सर्वे नं. 336/1 और 336/4 उद्योग नगर पालदा को पिछले दिनों ही अनुमति दी थी।
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