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corona explosion : देश में 24 घंटे में मिले साढ़े 3 लाख से ज्‍यादा नए मरीज, ओमिक्रोन भी बढ़ा

नई दिल्ली । वैश्विक महामारी कोरोना (global pandemic corona) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां दुनिया में इस संक्रमण का कहर (outbreak of infection) देखने को मिल रहा है तो वहीं भारत में इस संख्‍या में दिन पर दिन बढ़ोत्‍तरी देखने को मिल रही है।
देश में कोरोना (corona) के मामले एक बार फिर बेहद तेज रफ्तार से बढ़ रहे हैं। शुक्रवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में तीन लाख, 47 हजार 254 से ज्यादा कोरोना के नए मरीज (new patients) मिले हैं। इस दौरान ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 2 लाख 51 हजार, 777 है। इस दौरान 703 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आज जारी आंकड़े में बताया कि ओमिक्रोन अब देश के 28 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है। महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक आज कल से 29,722 ज्यादा मामले आए हैं, गहुरूवार को कोरोना वायरस के 3,17,532 मामले आए थे। फिलहाल डेली पॉजिटिविटी रेट 17.94 फीसदी और साप्ताहिक संक्रमण दर 16.56 फीसदी है।

कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने नई गाइडलाइंस (new guidelines) जारी कि हैं। गाइडलाइन जारी करते हुए डॉक्टर्स को कोविड मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल से हर हाल में बचने को कहा है। बता दें कि इस नई गाइडलाइन को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)-कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत संयुक्त निगरानी समूह (DGHS) ने जारी किए हैं।



नई गाइडलाइंस (new guidelines) में कहा गया है कि अगर किसी मरीज की ऊपरी श्वास नली में कोविड के लक्षण उत्पन्न होते हैं और मरीज को सांस लेने में दिक्कत या हाइपॉक्सिया जैसी दिक्कत नहीं है तो इसे हल्के लक्षणों में रखा जाता है और उसे होम आइसोलेशन (isolation) में ही इलाज की सलाह दी गई है. हल्के लक्षण वाले मरीजों को सलाह है कि अगर उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है, या तेज बुखार या पांच दिनों से तेज खांसी है तो उन्हें डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

अगर किसी को लगातार खांसी आ रही है या दो-तीन हफ्तों से ठीक नहीं हो रही है, तो उसे ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) या ऐसी ही किसी दूसरी बीमारी के लिए टेस्ट कराना चाहिए। अगर किसी मरीज में ऑक्सीजन सैचुरेशन 90 से 93 परसेंट के बीच में फ्ल्क्चुएट (fluctuate) कर रहा है और उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही है, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। ये मध्यम लक्षण हैं और ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट देना चाहिए।

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