आगर मालवा। आगर मालवा में कोरोना विस्फोट हुआ है, यहाँ सोमवार को स्वास्थ्य विभाग ने 9 पॉजीटिव मरीज की पुष्टि की है, उनके अनुसार जिले के बाहर आरटीपीसीआर जाँच करा कर लोटे 6 लोग भी कोरोना पॉजीटिव आए है जिनको मिलाकर जिले में अब 15 पॉजीटिव मरीज हो चुके है। एकदम इतनी संख्या में पॉजीटिव मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन सक्रिय हो गया है और स्वास्थ्य विभाग के साथ नपा का अमला पॉजीटिव मरीजों के निवास पर पहुँचकर मरीजों को होम कोरोनटाईन करने के बाद प्रभावित क्षेत्र को सैनेटाईज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के जिला मीडिया प्रभारी आरसी इरवार ने बताया कि आगर जिले में जिन मरीजों की कोरोना जाँच हुई और पॉजीटिव पाए गए है उनमें से 7 महिला और 2 पुरूष शामिल है।
सभी मरीज 30 वर्ष से कम आयु के हैं जिनमें पचोरा आगर, धन्याखेड़ी, नलखेड़ा, सुसनेर, बडिया सुसनेर, ग्राम कुण्डला, आगर, गुराडिय़ा बड़ौद और कछालिया बड़ौद के एक-एक मरीज शामिल है। सभी मरीजों को घर पर ही कोरोनटाईन किया गया है। गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर में अब से पूर्व केवल एक ही मामला सामने आया था और एकदम इतने मामले सामने आने के बाद अब इसको लेकर लोगों में एक बार फिर कोरोना का भयावह चेहरा सामने आता दिखाई देने लगा है।
लोग अब भी कर रहे लापरवाही
तीसरी लहर के बीच आगर-मालवा जिले में इतने कोरोना पॉजीटिव मरीज सामने आने के बाद भी लोगों के द्वारा लापरवाही की जा रही है। यहां सरकार की तरफ से कोरोना से निपटने के लिए बनाई गई गाइडलाइन का पालन होता तो कहीं भी नजर नहीं आ रहा, अनेक कार्यालय का स्टाफ तक अपनी और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए मास्क का उपयोग नहीं कर रहा है। कलेक्टर अवधेश शर्मा ने पूरे आगर-मालवा जिले में मास्क को अनिवार्य कर दिया है और मास्क नहीं लगाने वाले लोगों पर 100 रुपए का आर्थिक दंड भी वसूलने के निर्देश पुलिस को दिए गए है, लेकिन जिले में हर जगह लोग बिना मास्क के धड़ल्ले से घूम फिर रहे है। जिले में में कोरोना पॉजीटिव मरीज आने के बाद स्वास्थ विभाग के अमले में तो हड़कंप मच गया, लेकिन शहरवासियों में इसका कोई खासा प्रभाव देखने को नहीं मिला। अधिकांश लोग सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग किए बिना ही शहर में घूमते नजर आए साथ ही जिला प्रशासन भी लोगों को जागरूक करने में इस बार नाकामयाब साबित होता नजर आ रहा है। आगर शहर में हर रोज यातायात पुलिस द्वारा बिना मास्क के वाहन चलाने वाले लोगों से रोको-टोको अभियान के तहत रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए 100 रुपए की सहायता राशि ली जाती है, लेकिन लोग पुलिस को देखते ही मास्क लगा लेते हैं और जब पुलिस उन्हें रोकती है तो मास्क नहीं लगाने के अजीबोगरीब बहाने वह लोग पुलिस के समक्ष पेश करते हैं।
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