जम्मू । कोरोना महामारी ने इस वर्ष प्रशासन को वार्षिक अमरनाथ यात्रा रद्द करने को मजबूर कर दिया। श्रीनगर में उपराज्यपाल और श्राइन बोर्ड के सदस्यों की हुई बैठक में यात्रा को रद करने का फैसला लिया गया है।
इस बीच अमरनाथ यात्रा शुरू करने को लेकर प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ था। कई बार जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में भी बदलाव करने की योजना बनाई गई थी। जम्मू के भगवती नगर में स्थिति आधार शिविर में भी श्रद्धालुओं को ठहराने के लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई थी। सावन पूर्णिमा यानी तीन अगस्त तक पवित्र गुफा में सुबह व शाम की आरती चलती रहेगी। इसका दूरदर्शन से सीधा प्रसारण किया जा रहा है।
इस बार यात्रा 23 जून से आरंभ होना तय था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यात्रियों का पंजीकरण भी आरंभ नहीं हो पाया। बाद में प्रशासन ने यह तय किया कि सीमित यात्रा 21 जुलाई से एक पखवाड़े के लिए चलाई जा सकती है लेकिन जुलाई के महीने में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार के कारण प्रशासन यात्रा चलाने के अंतिम फैसले को टालता रहा। वार्षिक अमरनाथ यात्रा श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) के दिन को संपन्न मानी जाती है। इसके बाद पवित्र गुफा को बंद कर दिया जाता है।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रशासन ने एसआरटीसी से अमरनाथ यात्रा के लिए वाहन उपलब्ध करवाने के लिए नहीं कहा था। दूसरे राज्यों से श्रद्धालु बसों से आएंगे या रेलगाड़ी से यह भी स्पष्ट नहीं था। रेलवे प्रशासन को श्रद्धालुओं के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए भी नहीं कहा गया था।
स्वास्थ्य विभाग को यात्रा की सभी तैयारियां पूरी करने का आदेश तो था लेकिन डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई थी। इसी बीच जम्मू संभाग के 27 डॉक्टर व पैरामेडिकल कर्मियों को जरूर स्वास्थ्य सेवा निदेशक कश्मीर के पास रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। सुरक्षा जांच तथा सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी। जम्मू.श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात कर दिया गया था।
बता दें कि पिछले साल भी प्रशासन द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने की वजह से अमरनाथ यात्रा को बीच में ही बंद करना पड़ा था।
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