नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर देश की आर्थिक गतिविधियों (Corona transition once again economic activity of the country) पर प्रतिकूल असर डालना शुरू कर दिया है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्यों ने आंशिक लॉकडाउन से लेकर नाइट कर्फ्यू जैसी कई पाबंदियां भी लगाई हैं। इन वजहों से देश में घरेलू हवाई यात्रा करने वाले मुसाफिरों की संख्या (Number of passengers traveling domestic in the country) में भी लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट आई है।
आईसीआर्ईसीआई सिक्योरिटीज की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 3 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 2.39 लाख लोगों ने घरेलू उड़ान सेवा का इस्तेमाल किया जबकि इसके पहले 27 मार्च को खत्म हुए सप्ताह के दौरान देश में 2.51 लाख लोगों ने हवाई सफर किया था। 20 मार्च को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 2.57 लाख लोगों ने घरेलू रूट पर हवाई सफर किया था। साफ है कि तीन सप्ताह के दौरान ही घरेलू हवाई मुसाफिरों की संख्या में करीब 18 हजार मुसाफिरों की कमी आ गई।
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि हवाई सफर करने वाले मुसाफिरों की संख्या में कमी आने के कारण प्रति उड़ान मुसाफिरों की औसत संख्या में भी गिरावट आई है। तीन अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह के दौरान प्रति उड़ान यात्रियों की औसत संख्या पहले की तुलना में कम होकर 104 पर आ गई है, जबकि 27 मार्च को खत्म हुए सप्ताह के दौरान प्रति उड़ान यात्रियों की औसत संख्या 109 थी।
आईसीआर्ईसीआई सिक्योरिटीज की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण में आई तेजी हवाई यातायात पर भारी पड़ रही है। हवाई यात्रा को सुरक्षित बनाने और कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नया प्रोटोकॉल जारी किया है। इसके मुताबिक हवाई सफर करने वाले मुसाफिरों के लिए अनिवार्य रूप से नाक तक मास्क पहनना शामिल है। यदि कोई यात्री इस प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है, तो एयरलाइन ऐसे यात्री को सफर करने से रोक सकती है। डीजीसीए ने इसके साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले मुसाफिरों, एयरलाइन कर्मचारियों और एयरपोर्ट स्टाफ पर जुर्माना लगाने का भी निर्देश दिया है। (एजेंसी, हि.स.)
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