नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona effect) ने लाखों-करोड़ों लोगों की नौकरियां छीन लीं तो वहीं लाखों-करोड़ों कारोबार भी चौपट हो गए। इसे लेकर अब एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसके मुताबिक बीते साल अप्रैल से दिसंबर के बीच लाखों लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) (PF accounts) का पैसा भी निकालना पड़ा है।
कोरोना महामारी से बचाव के लिए देश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोजगारी बढ़ी, जिसके चलते 71 लाख प्रोविडेंट फंड खाते (6.5 फीसदी ज्यादा) बंद किए गए। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ताजा आंकड़े बताते हैं कोरोना काल के दौरान वेतनभोगी कर्मचारियों पर आर्थिक चुनौतियों का काफी असर पड़ा है, जिसके चलते लोगों ने अपने पीएफ खातों से पैसे निकलवाए हैं।
आकंड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 में बंद किए गए कुल खातों की संख्या 71,01,929 है। अप्रैल 2020 में 2,30,593 खाते बंद हुए थे, मई में 4,62,635, जून में 6,22,856 खाते, जुलाई में 8,45,755 खाते, अगस्त में 7,77,410 खाते, सितंबर में 11,18,517 खाते, अक्तूबर में 11,18,751 खाते, नवंबर में 9,54,158 खाते और दिसंबर में 9,71,254 पीएफ खाते बंद हुए।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने भी कल लोकसभा में कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक के सवाल का जवाब देते हुए बताया था कि उपरोक्त अवधि के दौरान लोगों ने 33 फीसदी अधिक यानी 73,498 करोड़ रुपये अपने पीएफ खाते से निकाले जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 55125 करोड़ रुपये था।
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले साल केंद्र सरकार ने पीएफ खाते से तीन महीने के वेतन की निकासी की अनुमति दी थी, जिसपर सर्विस चार्ज की छूट दी गई थी। (एजेंसी, हि.स.)
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